देहरादून । सुगम अटल उत्कृष्ट विद्यालय के लिए चयनित शिक्षक की सेवा दुर्गम नहीं मानी जाएगी। जबकि अभी तक यह नियम है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालय के लिए चयनित शिक्षक एवं कार्मिक की तैनाती यदि किसी सुगम विद्यालय में होती है तो ऐसे कार्मिक की उस विद्यालय में की गई सुगम सेवा को दुर्गम सेवा माना जाएगा।
यह संशोधित प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने तैयार किया है और इस प्रस्ताव को शिक्षा महानिदेशक को भेजा गया है। जिसके बाद यह प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इस संशोधित प्रस्ताव में तीन महत्वपूर्ण परिवर्तन किए जाने की सिफारिश की गई है। बता दें कि राज्य के सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में से 189 विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड से संबद्ध कर इन विद्यालयों को अटल उत्कृष्ट विद्यालय नाम दिया।
शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर लंबे समय से चला आ रहा विवाद
यहां तैनात शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर विवाद लंबे समय से चला आ रहा है। अटल उत्कृष्ट के सुगम विद्यालयों से दुर्गम जाने को बहुम कम शिक्षक तैयार हैं क्योंकि उन्हें सुगम में रहकर दुर्गम का लाभ मिल रहा है। लेकिन इन संशोधित प्रस्ताव से केवल दुर्गम में सेवा देने वाले शिक्षकों को डबल सेवा लाभ मिलेगा।
यह है संंसोधित प्रस्ताव
संशोधित प्रस्ताव के अनुसार 23 जुलाई 2021 या उसके बाद दुर्गम विद्यालयों के लिए चयनित प्रधानाचार्य, शिक्षक, मिनिस्ट्रीयल कार्मिक आदि की एक वर्ष की दुर्गम सेवा को डबल (दो वर्ष) गिना जाएगा। जबकि वर्तमान शासनादेश के अनुसार अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए चयनित समस्त कार्मिक यदि अपनी सेवा दुर्गम विद्यालय में दे रहे हैं तो उनकी एक वर्ष की सेवा, डबल दो (दो वर्ष) गिनी जाती है।
इसके अतिरिक्त नए प्रस्ताव के अनुसार राजकीय अटल उत्कृष्ट विद्यालय में कार्यरत कार्मिक पांच वर्ष की सेवा के दौरान अनिवार्य स्थानांतरण से मुक्त होंगे, लेकिन यहां पूर्व से कार्यरत ऐसे शिक्षक जो अटल उत्कृष्ट विद्यालयों के लिए आयोजित स्क्रीनिंग परीक्षा के माध्यम से पदस्थापित नहीं है, वे अनिवार्य स्थानांतरण की श्रेणी में आएंगे।
जबकि वर्तमान में अटल उत्कृष्ट विद्यालय के सभी शिक्षक व कार्मिक अनिवार्य स्थानांतरण से मुक्त रखे गए थे। यह संशोधित प्रस्ताव माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा.एसबी जोशी ने शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान को भेजा है।