देहरादून:लोगों को नियम का पाठ पढ़ाने वाली ट्रैफ़िक पुलिस ख़ुद को भी तो सुधारें, रेसकोर्स चौक पर रैड लाईट की धज्जियां उड़ाती बेख़ौफ़ पुलिस की क्रेन

इसके बाद इस संवाददाता ने ग्रीनलाइट होते ही अपनी गाड़ी ट्रैफिक पुलिस की क्रेन/ट्रक के पीछे दौड़ाई तो आगे कचहरी तिराहे पर पहुंचने पर ट्रेन दिखाई ना देने पर यह संवाददाता ट्रैफिक ऑफिस पहुंच गया वहां पर क्रेन/ट्रक का ड्राइवर क्रेन को पार्क कर रहा था। उसी समय इस संवाददाता द्वारा उस क्रेन की फोटो समय 2:24 बजे खींची गई ।
अब सवाल यह है कि क्या पुलिस के उच्च अधिकारी इसका संज्ञान लेंगे या उनका बस सिर्फ़ जनता पर ही चलता है तथा इस क्रेन का चालान भी होगा या नहीं और होगा तो उस चालान का भुगतान किस खाते से किया जाएगा क्योंकि क्रेन तो सरकारी पुलिस विभाग की है और उसके चालान की राशि तो पुलिस विभाग को ही करनी पड़ेगी, क्योंकि क्रेन का रजिस्ट्रेशन तो पुलिस विभाग के नाम ही होगा। साथ ही क्रेन के ड्राईवर पर कार्यवाही तो जरूर होनी चाहिए क्योंकि ट्रैफिक पुलिस में होते हुए भी क्रेन के ड्राईवर ने रेड लाइट जंप करी है और रेड लाइट जंप करने पर कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी।

संपूर्ण वाक्या इस प्रकार है कि यह संवाददाता आज दिनांक 2 अक्टूबर को नेहरू कॉलोनी से प्रिंस होटल की ओर जा रहा था तो आराघर के बाद सीएमआई अस्पताल पार करते ही इस संवाददाता की गाड़ी के आगे देहरादून ट्रैफिक पुलिस की क्रेन जिसका नंबर UK07 GA 2074 हैं, जा रही थी जैसे ही रेसकोर्स चौराहा आया उसी समय चौराहे पर रेड लाइट हो गई।जिस कारण ट्रैफिक रुक गया परंतु ट्रैफिक पुलिस की क्रेन/ट्रक के ड्राईवर ने चौराहे पर रैड लाईट होने पर रुकने की जहमत नहीं उठाई और अपनी हेकड़ी में जैसे की मेरी तो पुलिस की गाड़ी हैं तो मैं क्यों लालबत्ती पर रुकू ओर फ़र्राटे भरता हुआ भागता चला गया। इस कारण कोई बड़ी दुर्घटना भी हो सकती थी, क्योंकि जिस तरफ से ग्रीनलाईट थी उधर से अगर कोई भी गाड़ी तेजी से आ रही होती तो एक्सीडेंट भी हो सकता था। यह लगभग 2:20 बजे का वाक्या है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *