देहरादून:प्रसिद्ध कमल ज्वेलर्स की भूमि से अवैध रूप से 30 आम के पेड़ कटने के मामले में दायर याचिका में एसएसपी एवं डीएफओ देहरादून को नोटिस जारी

देहरादून सहसपुर के रामपुर क्षेत्र में देहरादून के एक प्रसिद्ध कमल ज्वेलर्स नाम के ज्वेलर्स के आम के बगीचे से 30 हरे पेड़ काट दिए गए थे।
उपरोक्त पेड़ काटने के मामले में जिला प्रशासन द्वारा बहुत ही कड़ा रुख अपनाया गया था जिसके बाद उद्यान विभाग की तहरीर पर अज्ञात लोगों के विरुद्ध सहसपुर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था।

देहरादून के सहसपुर के क्षेत्र रामपुर में जिस भूमि से अवैध रुप से 30 पेड़ काटे गए हैं यह भूमि देहरादून के प्रसिद्ध कमल ज्वेलर्स की भूमि हैं।
भूमि से अवैध रुप से 30 पेड़ काटने के मामले में उद्यान विभाग के स्थानीय अधिकारी कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत होती हैं क्योंकि 30 हरे आम के पेड़ कट गए क्या इसका पता स्थानीय विभाग के अधिकारियो, कर्मचारियो को नही होगा इसलिए जिला प्रशासन ने एक कमेटी का गठन करके पूरे प्रकरण और अवैध कटान में संलिप्त लोगों की जांच के निर्देश दिए थे।
साथ ही इस भूमि के कागजों की जांच करके यह भी पता लगाया जा रहा है, कि कही भूमि की प्लाटिंग के लिए तो नहीं यह अवैध कार्य किया गया है।
सामाजिक कार्यकर्त्ता भूपेन्द्र लक्ष्मी द्वारा इस मामले में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह प्रकरण अत्यंत ही गंभीर है क्योंकि 30 हरे आम के पेड़ अवैध रूप से काट दिए गए हैं, तथा यह मामला देहरादून के एक बहुत ही प्रभावशाली व्यक्ति कमल ज्वेलर्स से जुड़ा हुआ हैं जिस कारण मामले में वन विभाग, राजस्व विभाग, एवम् पुलिस विभाग आदि विभागों की मिलीभगत से लीपापोती की जा सकती हैं।
(माननीय हाईकोर्ट उत्तराखंड ने भी एक अन्य मामले में देहरादून के विकासनगर क्षेत्र में साल के 174 पेड़ काटने पर टिप्पणी की है कि इतने बड़े स्तर पर पेड़ों का अवैध कटान वन एवं राजस्व विभाग की मिलीभगत के बगैर संभव ही नहीं है)
इसलिए इस मामले में भी ऐसा हो सकता हैं, इसलिये राज्यहित जनहित में तत्काल सम्बन्धित विभाग के अधिकारीयों को कार्यवाही हेतु निर्देशित कर संपूर्ण मामले की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें।
उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा शिकायत की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून एवं डीएफओ देहरादून को नोटिस जारी कर संपूर्ण मामले की रिपोर्ट 4 सप्ताह के अंदर तलब की गई है तथा सुनवाई की अगली तिथि 20 फरवरी 2023 नियत की गई है।

साथ ही आयोग के अनुसचिव द्वारा जारी नोटिस में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून एवं डीएफओ देहरादून को कहा गया हैं कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही ना किए जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोंप्रांत यथोचित आदेश पारित कर दिए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *