देहरादून: फ़र्जी तरीक़े से फिटनैस करवा संचालित होने वाले विक्रम थ्री-व्हीलर तिपनहियां व अन्य वाहनों के मामलें में न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा ने नोटिस जारी कर RTO से मांगा जवाब

देहरादून में दलालों एवं आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों ,कर्मचारियों की मिलीभगत से फ़र्जी फिटनैस से सड़कों पर विक्रम थ्री-व्हीलर तिपनहियां वाहन संचालित तथा अन्य प्रकार के वाहनों की भी यह स्थिति हो सकती है।

देहरादून में दलालों एवं आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों की मिलीभगत से फ़र्जी फिटनैस से सड़कों पर विक्रम थ्री-व्हीलर तिपनहियां वाहन संचालित किये जा रहे हैं,क्योंकि अधिकतर विक्रम थ्री व्हीलर वाहनों में ऐसा लगता ही नहीं कि उनकी फिटनेस हो रखी है क्योंकि-
1- यह कि कई वाहन हेड लाइट के स्थान पर पार्किंग लाइट जलाकर ही संचालित किये जा रहे है।
2- यह कि विक्रम वाहन की अगली सीट पर उचित प्रकार से पार्टीशन नहीं कर रखा है, क्योंकि पार्टीशन के लिए बीच में लोहे की रॉड लगानी चाहिए जो अनेकों ने नही लगा रखी हैं किंतु अगली सीट को ही दो हिस्सों में बांट कर पार्टीशन कर दिया है ताकि नियम विरुद्ध आगे भी दो या तीन सवारी बैठा सकें।
3- यह कि अधिकतर विक्रम वाहनों में वाईपर लगे हुए तो नजर आते हैं परंतु कार्य करते हुए कम ही दिखते हैं, इस कारण बरसात के मौसम में दुर्घटना भी हो सकती है।
4- यह कि अनेकों विक्रमा वाहनों की बैक लाइट ही नहीं जलती।
5- यह कि अनेकों विक्रम वाहनों की नियमानुसार आधी हेड लाइट काली नहीं है।
6- यह कि अनेकों विक्रम वाहनों के इंडिकेटर भी कम ही जलते हुए दिखते हैं, इस कारण रात के समय दुर्घटना भी हो सकती है।

यह कि उपरोक्त के अलावा वाहनों में अनेकों प्रकार की अन्य कमियां हो सकती है जो परिवहन विभाग के नियम/मानकों के अनुसार आरटीओ विभाग द्वारा फिटनैस के समय देखी जाती है तथा यह सब कमियां पूर्ण होने के पश्चात ही वाहन की फिटनेस की जाती है परंतु दलालों,आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों/कर्मचारियों की विक्रम वाहनों के मालिकों से मिलीभगत के कारण नियमानुसार उचित प्रकार से फिटनेस ना कर उसे फिटनेस प्रमाण जारी कर दिया जाता है।
उपरोक्त प्रकार की कमियों वाले विक्रम थ्री व्हीलर वाहनों में प्रार्थी ने सच्चाई जानने हेतु सफर किया और ड्राइवर से पूछा कि क्या तुम्हारी गाड़ी की फिटनेस नहीं हो रखी क्या जिसपर ड्राइवर द्वारा उत्तर दिया गया कि नहीं फिटनेस तो हो रखी है तो मेरे द्वारा कहा गया कि लगता तो नहीं की तुम्हारी गाड़ी की फिटनेस हो रखी होगी। मान लो अगर आरटीओ विभाग की चेकिंग होगी तो क्या करोगे इसपर ड्राइवर का उत्तर था कि जब चेकिंग होती है या तो हम गाड़ी किनारे पर लगा लेते हैं। या घर से ही नहीं निकलते।
आरटीओ कार्यालय में दलालों की सक्रियता किसी से छिपी नहीं है लाइसेंस बनाने से लेकर वाहनों की एनओसी व फिटनेस तक के सभी कार्यों में इनकी भूमिका रहती है।

शिकायतकर्ता ने उपरोक्त मामलें में मानवाधिकार आयोग में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह बहुत ही गंभीर मामला है क्योंकि वाहनों की उचित प्रकार से फिटनेस ना होने के कारण दुर्घटना भी हो सकती है इसलिए जनहित में विक्रम थ्री व्हीलर वाहनों की फिटनेस हेतु परिवहन विभाग के अनिवार्यता/मानको नियमों से संबंधित दस्तावेज तलब करने की कृपा करें तथा फर्जी तरीक़े से फिटनैस करवा सड़को पर संचालित होने वाले विक्रम थ्री व्हीलर वाहनों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही हेतु निर्देशित कर जनहित में की गई कार्यवाही की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें ।
जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा आयोग आदेश जारी किए गए कि पत्रावली का अवलोकन किया गया।
शिकायतकर्ता द्वारा देहरादून में दलालों एंव आरटीओ कार्यालय के अधिकारियों, कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी फिटनेस से सड़कों पर विक्रम थ्री-व्हीलर तिपनहियां वाहन संचालित हो रहे हैं, अन्य प्रकार के वाहनों की भी यही स्थिति हो सकती है के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रस्तुत किया गया है। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी(आर0टी0ओ0), देहरादून को निर्देशित किया जाता हैं कि वह इस सम्बन्ध में 04 सप्ताह तक अपनी आख्या आयोग के समक्ष प्रस्तुत करेंगें।

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