जिला देहरादून, विकासनगर के सेलाकुई क्षेत्र की स्वारना नदी में सेलाकुई स्थित दवा कंपनी द्वारा एक्सपायर डेट की दवाएं फैंकी जा रही हैं जिस कारण मवेशियों और मानव जीवन पर गंभीर ख़तरा
समस्त मामला यह हैं कि देहरादून के जिला देहरादून, विकासनगर के सेलाकुई क्षेत्र की स्वारना नदी में सेलाकुई स्थित दवा कंपनी द्वारा एक्सपायर डेट की दवाएं फैंकी जा रही हैं। सेलाकुई सिडकुल फार्मा सिटी से मात्र 100 मीटर की दूरी पर स्थित स्वारना नदी में जहां-तहां फार्मा कंपनी के अपशिष्ट एक्सपायरी दवाइयों के ढेर लगे हुए हैं तथा इस तरह से एक्सपायरी डेट की दवाइयां खुले में या नदी में फेंकने से मवेशियों और मानव जीवन पर गंभीर खतरा पैदा हो सकता है और नदी के इस पानी को जानवर भी पीते हैं तथा आमजनता भी इस्तेमाल करती हैं, जिस कारण उनकी जान का भी खतरा पैदा हो सकता है और क्या पता इस कारण नुकसान पहुंच भी रहा हो।
इस संवाददाता ने इस अत्यंत ही संवेदनशील और स्पष्ट रूप से जानमाल की हानि से जुड़े हुए मामलें में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह प्रकरण बहुत ही गंभीर और संवेदनशील है और स्पष्ट रूप से जानवरों और इंसानों की जान से जुड़ा हुआ है, इसलिए सेलाकुई स्थित स्वारना नदी में एक्सपायर डेट की दवाईयां फेंकने वाली फार्मा कंपनी के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने की कृपा कर समस्त मामले की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें।
मानवाधिकार आयोग द्वारा दायर जनहित याचिका की गंभीरता एवं स्पष्ट रूप से आमजनता से जुड़ा देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा याचिका पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए जिलाधिकारी देहरादून को कार्यवाही हेतु नोटिस कर 4 सप्ताह में प्रकरण की सम्पूर्ण रिपोर्ट आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया।
इस अत्यन्त ही गंभीर ओर संवेदनशील मामलें में जिलाधिकारी देहरादून द्वारा आयोग में मामलें से संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत न करने पर आयोग ने जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया कि वे नियत तिथि से पूर्व अपनी आख्या आयोग के समक्ष अवष्य प्रस्तुत करें। आख्या प्रस्तुत न करने की स्थिति में वे आगामी दिनांक 05-72022 को किसी वरिश्ठ भिज्ञ अधिकारी को समस्त पपत्रों के साथ आयोग के समक्ष उपस्थित होना सुनिष्चित करें, जिससे उनका सषपथ बयान अंकित किया जा सके।
जिलाधिकारी द्वारा आयोग के आदेशों की अवहेलना करते हुए सुनवाई की नीयत तिथि 05-7-2022 को भी इस अत्यन्त गम्भीर एवं संवेदनशील मामलें में आयोग के समक्ष जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया।
आयोग द्वारा पुनः जिलाधिकारी, देहरादून को नोटिस जारी कर जिलाधिकारी देहरादून को निर्देशित किया गया हैं कि वह 04 सप्ताह तक अपनी आख्या अवश्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।