शांति स्थापना केवल सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह मानवता के प्रति साझा जिम्मेदारी है- राजनाथ सिंह

14-16 अक्तूबर तक नई दिल्ली में यूएनटीसीसी सम्मेलन, 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी करेंगे भागीदारी

नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सैन्य योगदान देने वाले देशों (यूएनटीसीसी) के प्रमुखों के सम्मेलन का मंगलवार को उद्घाटन करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत के लिए शांति स्थापना कभी विकल्प नहीं, बल्कि आस्था का विषय रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत हमेशा से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के मिशनों में सक्रिय रहा है।

शांति स्थापना सिर्फ सैन्य मिशन नहीं
रक्षा मंत्री ने कहा, “शांति स्थापना केवल सैन्य मिशन नहीं है, बल्कि यह मानवता के प्रति साझा जिम्मेदारी है। युद्ध और अभाव से त्रस्त लोग ब्लू हेल्मेट्स को देख कर यह महसूस करते हैं कि दुनिया ने उन्हें नहीं छोड़ा।”

अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन चिंता का विषय
इस अवसर पर उन्होंने कुछ देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय नियमों के उल्लंघन और उन्हें कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जताई। राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत पुरानी अंतरराष्ट्रीय संरचनाओं में सुधार और नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारतीय योगदान की मिसाल
रक्षा मंत्री ने बताया कि पिछले दशकों में लगभग 2,90,000 भारतीय कर्मियों ने 50 से अधिक संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सेवा दी है। उन्होंने कहा, “कांगो, कोरिया, दक्षिण सूडान और लेबनान में हमारे सैनिक, पुलिस और चिकित्सा पेशेवर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कमजोर लोगों की रक्षा और समाज के पुनर्निर्माण में लगे हैं।”

उन्होंने शहीद भारतीय शांति सैनिकों को भी याद किया, जिनमें से 180 से अधिक कर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी।

सम्मेलन 14-16 अक्तूबर तक
यह सम्मेलन 14 से 16 अक्तूबर तक चलेगा, जिसमें 32 देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी हिस्सा लेंगे। इससे पहले थल सेना प्रमुख ने भी सम्मेलन को संबोधित किया और भारत को शांति स्थापना में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक बताया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *