नई दिल्ली। पुष्पा -2 स्टार अल्लू अर्जुन को न्यायिक हिरासत के तुरंत बाद बेल मिल गई। दरअसल फिल्म की स्क्रीनिंग में एक फैन की मौत के मामले में अभिनेता अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी के कुछ घंटों बाद, रिपोर्टों में दावा किया जाने लगा था कि पुलिस ने अभिनेता के साथ दुर्व्यवहार किया था। अब हैदराबाद पुलिस ने शुक्रवार को इस संबंध में बयान जारी कर सफाई दी है और एक्टर की हिरासत को सही ठहराया।
हैदराबाद सिटी के सेंट्रल जोन के डिप्टी पुलिस कमिश्नर की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि मीडिया में एक पत्र चल रहा है जिसमें कहा गया है कि अल्लू अर्जुन की फिल्म ‘पुष्पा-2’ की रिलीज के लिए चार और पांच दिसंबर को पुलिस बंदोबस्त करने का अनुरोध पत्र भेजा गया था। यह पत्र सांध्य सिने इंटरप्राइज 70 एमएम की ओर से एसीपी चिक्काड़पल्ली को भेजा गया।
एक्टर के आने के बाद मची भगदड़- पुलिस
पुलिस ने कहा, पुष्पा-2 के लिए हमें कुछ राजनीतिक हस्तियों, फिल्मी हस्तियों, धार्मिक कार्यक्रमों आदि के दौरे का हवाला देते हुए बंदोबस्त के लिए बहुत सारे अनुरोध प्राप्त होते हैं, हालांकि, ये सब चीजें उपलब्ध करना हमारे संसाधनों से परे है।
पुलिस ने ये भी कहा कि आयोजक ने किसी अधिकारी से मुलाकात नहीं की और बस पत्र सौंप दिया। पुलिस ने कहा कि अभिनेता के आने तक भीड़ काफी हद तक नियंत्रण में थी।
अल्लू अर्जुन की हरकतों की वजह से हुआ ऐसा
पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके (अभिनेता) के कार्यों के कारण संध्या थिएटर की घटना हुई और बाद में एक महिला की मौत हो गई। पुलिस ने कहा, वह बाद वह थिएटर में आए, अपनी गाड़ी के सनरूफ से बाहर आए और वहां एकत्रित जनता की ओर हाथ हिलाना शुरू कर दिया।
इस इशारे ने बहुत से लोगों को थिएटर के मेन गेट की ओर आकर्षित किया। उसी समय, उनकी सिक्योरिटी ने लोगों को अंदर धकेलना शुरू कर दिया उनके वाहन के लिए रास्ता बनाया जाए। उनकी टीम को एक बड़ी सार्वजनिक सभा का हवाला देते हुए उन्हें वापस ले जाने के लिए सूचित किया गया था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की और अल्लू अर्जुन दो घंटे से अधिक समय तक थिएटर के अंदर थे।
क्या पुलिस ने अल्लू अर्जुन के साथ किया दुर्व्यवहार?
हैदराबाद पुलिस ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि गिरफ्तारी के समय पुलिस कर्मियों ने अल्लू अर्जुन के साथ दुर्व्यवहार किया था। पुलिस ने इस मामले में कहा, यह भी सच नहीं है। पुलिस जब एक्टर के घर पहुंची, तो उन्होंने अपने कपड़े बदलने के लिए कुछ वक्त मांगा।
इसके बाद वह अपने बेडरूम में चले गए, पुलिस कर्मी घर के बाहर उनका इंतजार करते रहे जब वह घर से बाहर आए तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। किसी भी पुलिसकर्मी की तरफ से उनके साथ कोई बल प्रयोग या दुर्व्यवहार नहीं किया गया। उन्हें अपने परिवार और पत्नी के साथ बातचीत करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया और वह खुद बाहर आए और पुलिस वाहन में प्रवेश किया।