फर्जी सूचना वायरल करने पर श्री महन्त इंदिरेश अस्पताल ने व्हाट्सएप ग्रुप एडमिन व अन्य पर मानहानि का दावा ठोका
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक व कोतवाली पटेल नगर में तहरीर दी
अस्पताल ने स्वास्थ्य मंत्री, सचिव स्वास्थ्य व सीएमओ को पत्र भेजकर पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी का किए जाने की मांग की
देहरादून: श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की छवि को खराब करने के उद्देश्य से जौनपुर समुदाय नामक व्हाट्सअप ग्रुप पर एक भ्रामक पोस्ट को रविवार सुबह वायरल किया गया।
गुप के एडमिन ने बिना किसी जॉच पड़ताल व घटना की पुष्टि किये बिना ग्रुप में भ्रामक जानकारी फैलाकार भीड को गलत ढंग से उकसाया। इस पोस्ट के उकसावे पर असामाजिक तत्वों की भीड श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल की मोचयुरी में इक्टठा हो गई उन्होंने अस्पताल की सम्पत्ति को नुकसार पहुंचाने की कोशिश की।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल ने जिलाधिकारी देहरादून, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, कोतवाली पटेल नगर, स्वास्थ्य सचिव, उत्तराखण्ड व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर षडयंत्रकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है व ऐसे लोगों के खिलाफ सम्बन्धित धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। अस्पताल प्रशासन ने सीएमओ देहरादून को पत्र लिखकर मृतक के पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाए जाने की भी मांग की है।
काबिलेगौर है कि श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल में मरीज़ उषा देवी की उपचार के दौरान मौत के मामले को जौनपुर समुदाय नामक व्हाट्सअप ग्रुप पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के साथ सजिशन वायरल किया गया। पोस्ट में उपचार के दौरान मरीज़ की किडनी निकाले जाने की बात दर्शाकर मृतक के परिजन व भीड को उकसाया गया।
अस्पताल में मरीज़ के उपचार के दौरान किडनी निकाले जानी की बात बेबुनियाद व बिल्कूल असत्य है।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रशासन ने जिलाधिकारी देहरादून, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, कोतवाली पटेल नगर, स्वास्थ्य सचिव, उत्तराखण्ड व स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि मृतक के पोस्टमॉर्टम की वीडियोग्राफी करवाई जाए ताकि मरीज़ के उपचार व मृत्यु के कारण का सत्य सभी के सामने आ सके।
श्री महंत इन्दिरेश अस्पताल प्रशासन कहना है कि अस्पताल में पैसा उगाई व ब्लैकमेलिंग के लिए पहले भी कई असामाजिक तत्व दबाव बनाने के लिए सामने आते रहे हैं। अस्पताल प्रशासन विधक राय लेकर उन सभी कड़ियो की जॉच कर रहा है। इस मामले को भडकाने व उकसाने में जिन लोगों का हाथ हो सकता है, उन सभी के खिलाफ माननीय न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया जाएगा।