उत्तराखंड की संस्कृति हमारी धरोहर हैं- पालिकाध्यक्ष
पालिकाध्यक्ष नीलम बिजल्वाण ने कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति-परंपराएं हमारी धरोहर हैं। हमें इसके संरक्षण व युवा पीढ़ी को इसके प्रति प्रेरित करने की दिशा में गंभीर प्रयास करने चाहिए। होली हो या दीपावली या अन्य पर्व, हमें अपनी सांस्कृतिक परंपरा, वेशभूषा, संस्कारों, रीति-रिवाजों को नहीं भूलना चाहिए।पूर्व विधायक प्रत्याशी हिमांशु बिजल्वाण ने कहा कि कोई व्यक्ति कितनी भी तरक्की क्यों न करे, अपनी संस्कृति व परंपरा को कभी नहीं भूलना चाहिए। संस्कृति एवं पंरपरा ही व्यक्ति की वास्तविक पहचान होती है। इस अवसर पर सुरेंद्र भंडारी, सुरकंडा डोली दरबार उपासक अजय बिजल्वाण, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष शिवमूर्ति कंडवाल, शीला रतूड़ी, राज्य आंदोलनकारी उषा रावत, सरस्वती जोशी, सभासद स्वाति पोखरियाल, विनिता रमोला, रेखा पैन्यूली, निशा नेगी, समाजसेवी चंद्रवीर पोखरियाल, सुरेंद्र भंडारी उपस्थित रहे।
होली हमारी संस्कृति और परंपरा का विशिष्ट अंग : रितु खंडूरी
सद्भावना और आपसी भाईचारे का पर्व है होली- पुरोहित
रंगों का त्यौहार होली पर्व से पूर्व सभी लोग खुशियों से त्योहार मनाने के लिए उत्सुक है। बड़ासी ग्रांट मे कांग्रेस सेवा दल जिला अध्यक्ष रेनू चुनारा के संयोजन में होली मिलन कार्यक्रम हुआ। जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। एक दूसरे को गुलाल लगाकर इस समारोह को मनाया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंची कांग्रेस सेवादल प्रदेश अध्यक्ष हेमा पुरोहित ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया व पर्व कि शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अहंकार और बुराई पर भक्ति और सच्चाई की जीत होली पर्व जीवन में उमंग का संचार करता है।