देहरादून। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में वर्षा के लिहाज से अगले चार दिन खासे चुनौतीपूर्ण हैं। मौसम विभाग ने इस अवधि के लिए विभिन्न जिलों में वर्षा का रेड व आरेंज अलर्ट जारी किया है। इसे देखते हुए आपदा प्रबंधन तंत्र भी सक्रिय हो गया है। इसी कड़ी में अपर सचिव एवं यूएसडीएमए (उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) के एसीईओ प्रशासन आनंद स्वरूप ने सोमवार को सभी जिलों के आपदा प्रबंधन अधिकारियों के साथ वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में स्थिति की समीक्षा की।
उन्होंने निर्देश दिए कि जिन जिलों के लिए वर्षा का रेड अलर्ट जारी है, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए और अगले चार दिन किसी भी चुनौती से निबटने के लिए फील्ड स्तर पर सभी तैयारियां सुनिश्चित की जाएं। यूएसडीएमए के एसीईओ ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखने, नदियों का जलस्तर बढ़ने की स्थिति में नदी किनारे रहने वाले लोगों को पूर्व सूचना देने और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजने को कहा।
उन्होंने नदी किनारों और संवेदनशील इलाकों में अलार्म सिस्टम को सक्रिय रखने एवं चेतावनी संकेतक बोर्ड लगाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति से निपटने को नाव, राफ्ट जैसी व्यवस्थाएं पहले से अलर्ट मोड पर रखी जाएं। साथ ही जेसीबी और पोकलैंड मशीनों की एडवांस व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि सड़क बंद होने की स्थिति में त्वरित कार्रवाई हो सके।
उन्होंने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र को हर परिस्थिति की जानकारी तुरंत उपलब्ध कराने के साथ ही कहा कि मौसम से संबंधित जो भी अलर्ट जिलों को भेजे जा रहे हैं, उन्हें आमजन तक पहुंचाया जाएं।यूएसडीएमए के एसीईओ-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने कहा कि जितनी बेहतर तैयारी होगी, उतना ही प्रभावी ढंग से आपदा का सामना किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जिलों के ऊपरी क्षेत्रों में वर्षा की स्थिति पर विशेष नजर रखी जाए, क्योंकि वहां अधिक वर्षा होने पर निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की आशंका बढ़ सकती है।
आपदा की स्थिति में यहां कॉल करें
किसी भी प्रकार की आपदा की स्थिति में राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष के इन फोन नंबरों पर संपर्क करें। 0135-2710335 व 0135-2710334, टोल फ्री नंबर 1070, 1077, मोबाइल नंबर 9058441404 एवं 8218867005
जिलों को जारी किए गए दिशा-निर्देश
- आपदा की स्थिति में त्वरित स्थलीय कार्रवाई कर सूचनाओं का आदान-प्रदान करें।
- आपदा प्रबंधन प्रणाली के लिए नामित सभी अधिकारी एवं विभागीय नोडल अधिकारी हाई अलर्ट पर रहें।
- किसी भी मोटर मार्ग के बाधित होने की दशा में उसे तत्काल खुलवाना सुनिश्चित करें।-सभी राजस्व उपनिरीक्षक, ग्राम विकास अधिकारी, ग्राम पंचायत अधिकारी अपने तैनाती क्षेत्रों में बने रहेंगे।
- सभी पुलिस थाने, चौकी भी आपदा संबंधी उपकरणों के साथ हाई अलर्ट पर रहेंगे।
- 12 से 15 अगस्त तक भारी वर्षा को देखते हुए किसी भी अधिकारी व कर्मचारी के मोबाइल फोन स्विच ऑफ नहीं होंगे।
- आपदा प्रभावितों के फंसे होने की स्थिति में खाद्य सामग्री व मेडिकल की उचित व्यवस्था रखें।
- विद्यार्थियों की सुरक्षा के दृष्टिगत विद्यालयों में सावधानी बरती जाए।
- असामान्य मौसम, भारी वर्षा की चेतावनी के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में पर्यटकों के आवागमन को अनुमति न दी जाए।
- भू-स्खलन की दृष्टि से संवेदनशील मार्गों पर जरूरी उपकरणों की व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए।