जिला पंचायत अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव मामले की सुनवाई सोमवार को हाईकोर्ट में हुई। कोर्ट ने पुलिस पर सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा कि निषेधाज्ञा के बावजूद काउंटिंग स्थल के निकट हथियारबंद लोग कैसे पहुंच गए लापता बताए जा रहे पांच सदस्य भी कोर्ट में प्रस्तुत हुए हंलांकि कोर्ट ने उनके बयान नहीं लिए। मामले की सुनवाई आज मंगलवार को भी जारी रहेगी। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और जस्टिस आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। डीएम ने 14 अगस्त की रात में राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर वोटों की काउंटिंग कराए जाने के निर्देश पर काउंटिंग की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि सारी प्रक्रिया की तीन कैमरों में रिकॉर्ड की गई और परिणाम सील बंद कर सुरक्षित रख दिया गया जिस पर कोर्ट के निर्देश के अनुसार ही कार्यवाही होगी।
कोर्ट ने नैनीताल की डीएम और एसएसपी को निर्देश दिए कि वे अब तक इस मामले में हुई सभी कार्यवाहियों का विस्तृत विवरण एफिडेविट के माध्यम से कोर्ट में प्रस्तुत करें। एसएसपी ने वायरल वीडियो में अपहरण करते देखे गए सभी आरोपियों को 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने का दावा किया।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता कपिल सिब्बल के जूनियर वकील कामत ने रीपोलिंग की मांग की, अभी इस पर सुनवाई नहीं हुई। कोर्ट ने कहा कि वह अभी केवल चुनाव के दिन हुई घटनाओं से संबंधित प्रकरण पर ही सुनवाई कर रही है। हाईकोर्ट ने एसएसपी को फटकार लगाते हुए पूछा कि हथियारबंद लोग कैसे काउंटिंग स्थल के निकट पहुंचे, पुलिस क्या कर रही थी। कोर्ट ने कहा कि कि नैनीताल सिर्फ पर्यटक स्थल नहीं है, यहां हाईकोर्ट भी है। वायरल वीडियो पर टिप्पणी करते कोर्ट ने नाराजगी जताई और कहा कि हम अंधे नहीं हैं, एसएसपी अपराधियों का बचाव करते लग रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि क्यों न एसएसपी का ट्रांसफर किया जाए।
लापता सदस्यों की बात सुनने से किया इन्कार: सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में पेश हुए पांच लापता सदस्यों के संबंध में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि हम उनकी कहानी नहीं सुनना चाहते हैं। वे अपनी बात का पहले ही खंडन कर चुके हैं।
डीएम-एसएपी से मांगा ब्योरा: जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव और सदस्यों के अपहरण प्रकरण पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नैनीताल की डीएम और एसएसपी को निर्देश दिए कि वे अब तक इस मामले में हुई सभी कार्यवाही का ब्योरा दें।