हरिद्वार। अब उत्तराखंड के किसी भी होटल और रेस्टोरेंट में बच्चों को दूध गर्म करने से मना नहीं किया जा सकेगा। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और जिला पर्यटन अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग का यह आदेश हरिद्वार के सामाजिक कार्यकर्ता मनोज निषाद की शिकायत पर जारी हुआ है।
आयोग के आदेश का सबसे पहले पालन रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ जिलों में किया गया। 28 जुलाई को जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग और 5 अगस्त को जिलाधिकारी पिथौरागढ़ ने आयोग को निर्देश लागू होने की जानकारी दी।
मनोज निषाद का कहना है कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में श्रद्धालु परिवार सहित आते हैं। बच्चों के लिए दूध गर्म करवाना कई बार मुश्किल हो जाता है। कई बार माता-पिता खुद दूध लेकर भी चलते हैं, लेकिन सिर्फ गर्म करने की सुविधा तक नहीं मिल पाती। जबकि वे इसके पैसे देने को भी तैयार रहते हैं।
उन्होंने कहा कि बच्चों को समय पर गर्म दूध न मिलने से माता-पिता तनाव और परेशानी में आ जाते हैं। इस आदेश के लागू होने से अब बच्चों के साथ यात्रा करने वाले परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।