भारत और नेपाल के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है। कारोबारी संबंध भी हैं। उत्तराखंड की लगभग 250 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल से लगी हुई है। पड़ोसी देश में चल रही भारी हिंसा के बीच सीमा पर रिश्तों की नाकेबंदी कर दी गई है। दो दिन से नेपाल से न तो किसी को भारत आने दिया जा रहा है और ना ही किसी को एसएसबी चौकियों से नेपाल जाने के लिए एंट्री दी जा रही है। अत्यंत आवश्यक कार्यों या गंभीर रूप से बीमारों को कड़ी पूछताछ और उनके कागजात देखने के बाद ही भारत आने दिया जा रहा है।
नेपाल सीमा पर एसएसबी के साथ एक प्लाटून पीएसी तैनात
झनकईया थाना क्षेत्र में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाकों में एसएसबी की तीन पोस्ट पर एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के डीएफओ हिमांशु बागरी से भी गश्त के लिए वनकर्मी मुहैया कराने के लिए वार्ता की गई है। नेपाल से जो लोग अवैध तरीके से आएंगे उनको टीम वापस भेजगी। फिलहाल इन क्षेत्रों में नेपाल से कोई व्यक्ति नहीं आया है। –
नेपाल के बैतड़ी, दार्चूला जिला कारागार से 143 कैदी फरार
नेपाल में जेन जी आंदोलन के बीच हिंसा, अराजकता की आड़ में भारतीय सीमा से सटे बैतड़ी और दार्चूला कारागार से 143 कैदी भाग गए हैं। उनके भारत में आकर छिपने की आशंका जताई जा रही हैं। बैतड़ी के सीडीओ पुण्य विक्रम पौडेल ने बताया कि बैतड़ी जिला कारागार में सजा भुगत रहे कैदियों की संख्या 62 थी। सभी भाग गए। दार्चुला जिला कारागार से 81 कैदी फरार हुए हैं, वहां अब सात कैदी हैं। नेपाल के कंचनपुर जेल से भी सात कैदी फरार हो गए थे जिन्हें बाद में एपीएफ ने पकड़ लिया। इसके बाद कंचनपुर और कैलाली जिलों में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। चंपावत के एसपी अजय गणपति ने नेपाल की जेलों से भागे चार कैदियों के फोटो सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुपों में शेयर कर ग्रामीणों से संदिग्धों के दिखने पर उनकी सूचना पुलिस को देने अपील की है। पुलिस की ओर से चार लोगों फोटो शेयर की गई है।
केंद्र व राज्य सरकार से जो दिशा निर्देश मिले हैं उनका पुलिस और एसएसबी मिलकर पालन कर रहे हैं। लोकल पुलिस एसएसबी के साथ मिलकर सीमांत क्षेत्रों में ज्वॉइंट कांबिंग कर रही है। एलआइयू को अलर्ट किया गया है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है।