देहरादून में वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों में ढोकर घोर लापरवाही बरती जा रही है और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है,जिससे आमजन में संक्रमण फैलने का खतरा है और क्या पता लोगों में इस कारण संक्रमण फैल भी रहा हो
समाचार-
समाजसेवी, आरटीआई कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार द्वारा उपरोक्त समाचार को पढ़कर व्यापक जनहित में उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग देहरादून में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों में ढोया जा रहा है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा बना हुआ है। कई दिनों पुराने कूड़े से संक्रमण फैलने का पूरा खतरा है और क्या पता लोगों में इस कारण संक्रमण फैल भी रहा हो।शहर के विभिन्न वार्डो से प्रतिदिन लगभग 500 टन कूड़ा निकलता है। इस कूड़े को शहर में तीन जगहों पर एकत्र करने के बाद यहां से कूड़ा निस्तारण के लिए भेजा जाता है, लेकिन इस कूड़े को प्लांट तक ले जाने में घोर लापरवाही बरती जा रही है क्योंकि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से किसी भी दशा में कूड़े की खुले वाहनों से निस्तारण प्लॉट तक नहीं ले जाने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इसका भी पालन नहीं किया जा रहा है। विभिन्न वार्डो से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों से पहले कारगी चौक के पास जमा किया जाता है। इसके बाद जेसीबी के जरिये इस कूड़े को वाहनों में डालकर 15 से 20 किलोमीटर दूर शीशमबाड़ा तक पहुंचाया जाता है। कूड़ा ले जाने वाले यह वाहन भी ऊपर से खुले हुए हैं। इससे जब सड़कों पर जाम लगता होगा उस समय जाम में फंसे वाहन चालकों को भी इससे परेशानी होती है क्योंकि कूड़ा हवा से उड़कर इधर-उधर फैलता होगा डॉ.आरके चतुर्वेदी, क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का कहना है कि समय-समय पर इस बाबत दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं और फिर से नगर निगम को निर्देश जारी किए जाएंगे। परंतु बड़ा सवाल यह है कि जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो इस मामले में कार्यवाही क्यों नहीं की गई जबकि यह स्पष्ट रूप से आमजन की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है।दूसरी ओर डॉ. अविनाश खन्ना, नगर स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है कि कूड़े को खुले वाहनों में ले जाना गंभीर लापरवाही है। पहले भी इसके लिए दिशा निर्देश दिए गए हैं। जहां-जहां लापरवाही बरती जा रही है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बड़ा सवाल यह है कि जब दिशा निर्देश दिए गए हैं तो इस मामले में डॉ. अविनाश खन्ना, नगर स्वास्थ्य अधिकारी द्धारा कार्यवाही क्यों नहीं की गई, जबकि यह मामला स्पष्ट रूप से आमजन की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है।शिकायत का विषय बहुत ही गंभीर और स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है इसलिए जनहित में तत्काल रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही करने की कृपा करें।मानवाधिकार आयोग द्वारा याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम देहरादून को आदेश जारी किए गए।आदेश-शिकायतकर्ता भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी, निवासी एच-255, नेहरू कॉलोनी, देहरादून में वार्डों से निकलने वाले कूड़े को खुले वाहनों में ढोकर घोर लापरवाही बरतनें, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी आदेशों का उल्लंघन करने, जिससे आमजन में संक्रमण फैलने का खतरा होने तथा प्रकरण में तत्काल रिपोर्ट तलब कर कार्यवाही किये जाने के सम्बन्ध में शिकायती पत्र प्रेषित किया गया है, शिकायत के सम्बन्ध में अपनी आख्या आगामी दिनांक तक आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।विदित हो कि आयोग के उपरोक्त आदेश की अपेक्षानुरूप कार्यवाही न किये जाने की स्थिति में आयोग द्वारा विचारोपरान्त यथोचित आदेश पारित कर दिये जायेंगे।