कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने किसान बीमा योजना में कम कवरेज और केसीसी की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई, कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश

लखनऊ। प्रधानमंत्री किसान बीमा योजना से प्रदेश के अधिकांश किसानों के न जुड़ने को लेकर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने नाराजगी जताई है।

कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों प्रदेश के दो करोड़ से ज्यादा किसानों को सम्मान निधि दी गई थी, इनके मुकाबले बीमा कराने वालों की संख्या 20.41 लाख है, जो बहुत कम है।

इसी तरह किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की प्रगति भी धीमी है। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों और बीमा कंपनियों को लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी दी।

आंकड़ों की स्थिति पोर्टल पर अपडेट कराएं

बुधवार को विधान भवन सभाकक्ष में आयोजित बैठक में कृषि मंत्री ने कहा कि केसीसी और बीमा योजना का दायरा अधिक से अधिक बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्राें में फसलों को हुए नुकसान के सर्वे का काम जल्द पूरा करने और क्षतिपूर्ति के भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाए। लंबित प्रकरणों का भी जल्द निस्तारण करें। 14 सितंबर तक समस्त आंकड़ों की स्थिति पोर्टल पर अपडेट कराएं।

कृषि मंत्री ने इसके बाद राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान में खाद निर्माता कंपनियों, उर्वरक प्रदाता कंपनियों के प्रतिनिधियों और विक्रेताओं साथ भी बैठक की। कृषि मंत्री ने कहा कि सभी हितधारक इस बात का ध्यान रखें कि किसान को उर्वरक प्राप्त करने में कठिनाई न हो। पर्याप्त उपलब्धता के लिए प्रदेश सरकार लगातार भारत सरकार के संपर्क में है।

कंपनियों को समस्याओं के निस्तारण के निर्देश

दावा किया कि किसी जिले में उर्वरक की कमी नहीं है, वर्तमान में प्रदेश में 6.21 लाख टन यूरिया, 4.64 लाख टन डीएपी और 3.68 लाख टन एनपीएके की उपलब्धता है। मंत्री ने उर्वरक विक्रेताओं की समस्याएं सुनीं और संबंधित कंपनियों को निस्तारण के निर्देश दिए।

कहा कि ओवर रेटिंग या टैगिंग की शिकायत मिलने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान प्रमुख सचिव कृषि रवींद्र, सचिव कृषि इंद्र विक्रम सिंह, निदेशक पंकज कुमार त्रिपाठी, निदेशक उद्यान भानु प्रकाश राम आदि उपस्थित रहे।

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