श्रद्धा पूर्वक मनाया गया साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार देहरादून में आज गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व दिवस संगतों के द्वारा श्रद्धा पूर्वक मनाया गया
प्रकाश पर्व के दिवस को मनाते हुए प्रातः 4.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक विशेष रूप से दिवान सजा।। भाई सतवंत सिंह जी हजूरी रागी जत्थे ने आसा की वार व ‘जो मागहि ठाकुर अपनु ते सोई सोई देवै’ का शब्द कीर्तन गायन किया सेवक परिवार सरदार जसपाल सिंह जी की तरफ से रखे हुए श्री अखंड पाठ साहिब जी का भोग डाला गया।। हजुरी रागी भाई गुरदियाल सिंह जी ने ‘वाहु वाहु बाणी निरंकार है तिसु जेवडु अवरु न कोई’ का शब्द गायन किया,ज्ञानी शमशेर सिंह जी हेड ग्रंथि ने कहा कि गुरु अर्जुन देव साहेब जी ने अपनी मौजूदगी में भाई गुरदास जी से गुरु नानक देव से लेकर गुरु अर्जन देव महाराज जी तक व 15 भगत साहिबान, 11 भट्ट साहिब जी,व 3 गुरसिख साहिबान की बाणी लिखवाई, व सितंबर 1604 में पहिला प्रकाश श्री दरबार साहिब जी अमृतसर में बाबा बुड्ढा जी से करवा कर पहले मुख्य ग्रंथि होने का मान दिया।। भाई सतवंत सिंह जी हजूरी रागी जत्थे ने ‘अंमरित बाणी हर हर तेरी’ “शबद गायन किया , कार्यक्रम में विशेष रूप से पहुंचे भाई जसविंदर सिंह टी.वी आर्टिस्ट ने ‘धुर की बानी आई।।तिनि सगली चिंत मिटाई’ व बाणी गुरू गुरू है बाणी विचि बाणी अंमरितु सारे’ का शब्द गायन किया ।। प्रोग्राम में गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के अध्यक्ष सरदार गुरबख्श सिंह राजन, व महासचिव सरदार गुलजार सिंह ने गुरुद्वारा साहिब में आई हुई संगतों को गुरु महाराज जी के प्रकाश पर्व की बधाई दी।।
कार्यक्रम में महेंद्र भट्ट भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के द्वारा गुरु घर में हाजिरी भर कर गुरु महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया उन्होंने बताया श्री गुरु ग्रंथ साहब जी सारी मानवता के गुरु है जो हमें आपसी भेदभाव मिटाकर समाज में मिलजुल कर रहने का उपदेश देते हैं सिक्खों के बलिदानों और सेवाओं को कभी भी भुला नहीं जा सकता। भाई साहब भाई शमशेर सिंह के द्वारा सरबत के भले की अरदास की उपरांत गुरु साहिब जी का हुक्मनामा सुना कर संगतों को निहाल किया। मंच का संचालन सरदार देवेन्द्र सिंह भसीन द्वारा किया गया ।
प्रोग्राम की समाप्ति के उपरांत संगतो ने गुरु का अटूट लंगर छका इस अवसर पर गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा आढ़त बाजार के प्रधान सरदार गुरबख्श सिंह राजन , व जर्नल सकतर सरदार गुलजार सिंह , और गुरप्रीत सिंह जोली, सरदार बलजीत सिंह सोनी, अरविंदर ओबराय , सरदार जसविंदर सिंह गोगी, सरदार राजिंदर सिंह राजा, जसपाल सिंह, मंजीत सिंह, जगमिंदर सिंह छाबड़ा, अमरजीत सिंह छाबड़ा, चरणजीत सिंह,सरदार गुरविंदर सिंह सेठी, श्री करन सिंह जी देओल, जसपाल सिंह देओल सरदार हरदेव सिंह आदि उपस्थित रहे।।