उत्तराखंड राज्य के नई टिहरी में पंतजलि के गाय के घी के सैम्पल उत्तराखंड राज्य की प्रयोगशाला एवं केन्द्रीय प्रयोशाला दोनों में फेल अत्यन्त ही गंभीर आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा मामला परन्तु फिर भी कहा जा रहा दर्ज करेंगे केस जबकि इतने गम्भीर मामलें में तत्काल केस दर्ज किया जाना चाहिए था,बड़ी कंपनी से मामला जुड़ा होने के कारण की जा सकती हैं लीपापोती।
नई टिहरी के जिला अभिहित अधिकारी एमएन जोशी ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 27 अक्टूबर 2021 को घनसाली में खरोला एंड संस की दुकान से पंतजलि के गाय के घी का सैंपल लिया गया था। जिसे राज्य की प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजा गया था बीते 12 अप्रैल को प्रयोगशाला की रिपोर्ट में अहमदनगर महाराष्ट्र में बना घी मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। इस पर कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, नोटिस का जवाब में कंपनी ने उत्तराखंड राज्य की प्रयोगशाला की रिपोर्ट पर भरोसा नहीं जताया तथा अन्य प्रयोगशाला में जांच की मांग की गई तथा कंपनी की मांग पर घी का सैम्पल जाँच हेतु केन्द्रीय प्रयोगशाला में भेजा गया था।
16 अगस्त को केंद्रीय प्रयोगशाला की रिपोर्ट में भी पंतजलि आयुर्वेद गाय के घी का सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया। जिसपर खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा कंपनी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की बात की जा रही हैं।
भूपेन्द्र लक्ष्मी ने इस अत्यंत ही संवेदनशील और आम जनता की जनहानि से जुड़े मामले में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह अत्यंत ही गंभीर मामला है जो स्पष्ट रूप से मिलावटी घी के कारण आमजनता की जानमाल की हानि से एवं उनके मानवाधिकारों से जुड़ा हुआ है इसलिए इस मामले में शासन स्तर पर कार्यवाही हेतु आदेश जारी कर जनहित में रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें क्योंकि जिला टिहरी की तरह अन्य जिलों में भी इस कम्पनी का घी बेचा जा रहा हो सकता हैं जिस कारण आमजनता को इसके सेवन से हानि पहुंच सकती हैं।
मानवाधिकार आयोग द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल एवं एसएसपी टिहरी गढ़वाल को कार्यवाही हेतु निर्देशित कर चार सप्ताह के अन्दर रिपोर्ट दाखिल करने हेतु निर्देशित किया गया है ।