समस्त प्रकरण इस प्रकार हैं कि कुछ समय पूर्व उत्तराखंड के एक नामी वेल्हम ब्वॉयज़ स्कूल ने हलाल मीट के लिए टेंडर निकाला था परन्तु इस टेंडर के बाद बड़ा विवाद खड़ा हो गया था और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था।
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की शिकायत के आधार पर पुलिस ने स्कूल के खिलाफ केस दर्ज किया था। वहीं विवाद बढ़ने पर वेल्हम बॉयज स्कूल प्रबंधन द्वारा बिना शर्त माफी जारी की गई थी ।
बोर्डिंग स्कूल की मेस में हलाल मीट की सप्लाई के लिए टेंडर जारी किया गया था। इस टेंडर के बाद विवाद शुरू हो गया। हिंदू संगठनों ने इसका विरोध किया। यह मामला पुलिस तक पहुंचा और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
स्कूल की ओर से इस प्रकरण में माफीनाम जारी किया गया, स्कूल ने कहा कि इस मामले को लेकर जांच के लिए उन्होंने समिति गठित की है ओर नोटिस में लिखा है कि अंजाने में यह गड़बड़ी हुई है। इसकी जांच के लिए कमिटी गठित कर दी गई है। ओर नया टेंडर जारी किया जा रहा है। यदि किसी व्यक्ति, समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है तो स्कूल बिना शर्त माफी मांगता है क्योंकि ऐसा करने का उसका बिल्कुल भी इरादा नहीं था। वेल्हम ब्वॉयज़ स्कूल द्वारा तत्काल ही उठाए गए इस अत्यंत ही जनहित के कदम से एक बहुत ही बड़े विवाद की स्थिति का पटाक्षेप हो गया था।
उपरोक्त तरह की स्थिति उत्तराखंड राज्य के होटल,रैस्टोरेंटो, ढाबों आदि में तथा अन्य स्कूल बोर्डिंग्स आदि में भी पैदा होने पर भारी विवाद की स्थिति पैदा हो सकती हैं, क्योंकि कुछ समुदाय के लोग झटका मटन का सेवन नही करते हैं ओर कुछ समुदाय के लोग हलाल मटन का सेवन नही करते हैं ।
भूपेन्द्र लक्ष्मी ने उपरोक्त मामलें की गंभीरता ओर संवेदनशीलता को देखते हुए जनहित न्यायहित में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि उपरोक्त प्रकरण बहुत ही गंभीर एवं संवेदनशील हैं इसलिये समस्त समुदाय के लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा हेतू जनहित न्यायहित में तत्काल उत्तराखंड राज्य के समस्त होटल,रैस्टोरेंटो, ढाबों आदि में सूचना, बोर्ड लगाने तथा अन्य प्रकार के माध्यम से जिससे कि लोगों की जानकारी में यह आ जाये कि वहां पर झटका मीट या हलाल मीट का इस्तेमाल होता हैं के संबंध में कार्यवाही करने की कृपा कर सम्बन्धित विभाग को निर्देशित करने की कृपा करें ।
प्रकरण की गंभीरता एवं संवेदनशीलता को देखते हुए आयोग की डबल बेंच द्वारा शिकायत पर तत्काल सुनवाई की गई और आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चंद्र शर्मा तथा सदस्य पूर्व आईपीएस राम सिंह मीना द्वारा कार्यवाही करते हुए आदेश जारी कर जिलाधिकारी देहरादून न्यायहित में नियमानुसार एवं विधिनुसार कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था।
आयोग के इतने गंभीर और संवेदनशील मामले में जारी आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया क्योंकि मटन चिकन बेचने वाले किसी भी होटल ढाबों रेस्टोरेंटो आदि में कहीं भी सूचना हेतु बोर्ड आदि लगे हुए नज़र नहीं आते जिनपर लिखा हो कि हमारे यहा झटका या हलाल मटन,चिकन इस्तेमाल किया जाता हैं।
इस अत्यंत ही गंभीर और संवेदनशील मामले में जारी आयोग के आदेशों का पालन ना करने पर शिकायत/याचिका दायर की जा रही है।