उत्तराखण्ड वाहनों की आरसी से बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम (हाइपोथिकेशन) हटाने के लिए परिवहन विभाग वाहन मालिकों से नियम विरुद्ध शुल्क वसूल रहा हैं जबकि नियमावली में नही है शुल्क वसूलने संबंधी कोई नियम, तथा लाखों रू बिना नियम के वसूल लिए हैं वाहन मालिकों से
जब भी कोई व्यक्ति वाहन फाइनेंस करवाता है तो परिवहन विभाग उस वाहन की आरसी में बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम दर्ज कर देता है तथा लोन चुकता होने के बाद इसे आरसी से हटाना पड़ता है इसके लिए किसी शुल्क का कोई प्रावधान नहीं है लेकिन जब वाहन स्वामी लोन हटाने के लिए आवेदन कर रहे हैं तो वह फीस चुकानी पड़ रही है, दोपहिया वाहनों के लिए रुपए 340 हैं तथा अन्य बड़े वाहनों की फीस इससे भी ज्यादा है।
वाहन का लोन चुकता होने के बाद कुछ वाहन स्वामियों का लोन ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से खुद ही हट जा रहा है लेकिन जब वाहन स्वामी आरसी से नाम हटवाने के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंच रहे हैं तो उनको डुप्लीकेट आरसी बनवानी पड़ रही है जिसके लिए उन्हें रुपए 540 की फीस चुकानी पड़ रही है।
उत्तराखंड राज्य में लाखों की संख्या में वाहन लोन पर चल रहे होंगे राज्य के परिवहन कार्यालयों में वाहन स्वामी रोजाना आरसी से नाम हटाने के लिए पहुंचते हैं। उदाहरण के लिए देहरादून के आरटीओ कार्यालय में ही रोजाना 40 से 50 लोग इसके लिए आवेदन करने पहुंचते हैं, इन सब से नियम विरुद्ध शुल्क वसूला जा रहा है।
एआरटीओ प्रशासन देहरादून द्वारिका प्रसाद का भी कहना है कि वाहन की आरसी से हाइपोथीकेशन हटाने के लिए कोई शुल्क नहीं है लेकिन सॉफ्टवेयर में कमी के कारण फीस उठ रही है, इसके लिए परिवहन मुख्यालय को पत्र लिख दिया गया है सॉफ्टवेयर में सुधार किया जाना हैं ।
इस संवाददाता ने आम जनता के हित को देखते हुए मानवाधिकार आयोग उत्तराखण्ड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि परिवहन विभाग वाहन मालिकों से नियम विरुद्ध शुल्क वसूल रहा हैं जबकि नियमावली में शुल्क वसूलने संबंधी कोई नियम नहीं हैं अब तक आम जनता से नियम विरुद्ध पता नहीं कितने ही लाखों रुपए वसूले जा चुके होंगे इसलिए जनहित न्यायहित में इस नियम विरुद्ध वसूली पर रोक लगाने एवं जितने भी वाहन मालिकों से नियम विरुद्ध वसूली की गई है उनके पैसों की वापसी हेतु आदेश जारी कर कार्रवाई करने की कृपा करे तथा आज तक परिवहन विभाग द्वारा नियम विरुद्ध जितनी भी वसूली की गई हैं संपूर्ण की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें ताकि आम जनता को आपकी कृपा से न्याय मिल सके।
मानव अधिकार आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति अखिलेश चन्द्र शर्मा द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पारित किए गए कि शिकायतकर्ता द्वारा उत्तराखंड वाहनों की आरसी बैंक या फाइनेंस कंपनी का नाम हाइपोथीकेशन हटाने के लिए परिवहन विभाग वाहन मालिकों से नियम विरुद्ध शुल्क वसूल कर रहा हैं जबकि नियमावली में नहीं है शुल्क वसूलने संबंधी नियम के संबंध में शिकायत प्रस्तुत की है। आरटीओ देहरादून को निर्देशित किया जाता है कि 4 सप्ताह के अंदर अपनी आख्या आयोग के समक्ष दाखिल करें।