पूर्णिमा की रात को होलिका दहन करने की परंपरा
गुरुवार सुबह होलिका की पूजा वाले स्थान पर उत्तर अथवा पूरब दिशा की ओर मुंह करके पूजा शुरू होगी। गाय के गोबर से होलिका व प्रह्लाद की प्रतिमा बनाने के बाद रोली, फल, फूलों की माला, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल नारियल, पांच से सात तरह के अनाज व एक लोटे में पानी रखकर पूजा की जाएगी।
देर शाम तक बाजार में उमड़ी खरीदारों की भीड़
होली को लेकर बाजार में खरीदारों की भीड़ रही। हनुमान चौक, पलटन बाजार, पटेलनगर, करनपुर बाजार, चकराता रोड, धर्मपुर, प्रेमनगर समेत विभिन्न क्षेत्रों की दुकानों में कपड़े, खाद्य सामग्री, मिष्ठान, रंग, पिचकारी आदि की खूब खरीदारी हुई।
इंटरनेट मीडिया पर अग्रिम बधाई संदेश
होली को लेकर इंटरनेट मीडिया पर सगे संबंधियों के अग्रिम बधाई संदेश खूब छाने लगे हैं। किसी ने वीडियो काल कर बधाई दी तो कईयों ने होली को मिलजुलकर मनाने का संकल्प भी लिया।
पहाड़ों से दून पहुंचे होल्यार दिलाई याद
होली से एक हफ्ते पहले से पहाड़ों में घर-घर जाकर होली गीत गाने की परंपरा रही है। लेकिन पलायन के कारण अब पहाड़ में युवाओं की संख्या बहुत कम हैं। लेकिन इनमें कई युवा टोली बनाकर देहरादून पहुंचे और अपने क्षेत्र से दून में विभिन्न क्षेत्रों में रहने वालो लोगों के घर हारमोनियम, ढोल, मजीरा के साथ गायन करते नजर आए।इस दौरान लोगों को गांव की पुरानी याद आई तो वह भावुक भी हो गए। प्रेमनगर, जोगीवाला क्षेत्र में पौड़ी क्षेत्र की विभिन्न टीमों का होली गायन और लोगों का भावुक दिखाने वाला वीडियो भी इंटरनेट मीडिया पर खूब प्रसारित हो रहा है।
घरों में भी तैयारी पूरी
होली के लिए लोग ने पकवान बनाने के साथ मनोरंजन के लिए डीजे की तैयारी की। कई जगह ग्रुप बनाकर होली मनाएंगे। एक दूसरे से मिलकर डीजे पर होली गीत पर नृत्य भी किए जाएंगे। इसके लिए जगह जगह तैयारी हो रही है। पकवान औ मिठाई से लेकर जूस और मनोरंजन एकसाथ मनाकर इस होली को यादगार बना रहे हैं।