हरिद्वार में कांवड़ यात्रा शुरू, गंगा तटों पर शिवभक्तों की भारी भीड़ और बम भोले के जयघोष गूंज रहे हैं प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं

हरिद्वार। भगवान शिव के प्रिय श्रावण मास के साथ ही कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्रा के लिए धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा तटों पर जल भरने के लिए शिवभक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। चहुंओर बम भोले और हर-हर महादेव का जयघोष हो रहा है।

रंग-बिरंगी कांवड़ और भक्ति गीतों पर थिरकते शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है। प्रशासन का इस वर्ष करीब पांच करोड़ कांवड़ यात्रियों के आगमन का अनुमान है। सुगम और सुव्यवस्थित यात्रा के लिए पुलिस, प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने दिन-रात जुटकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया है।

जिलाधिकारी मूयर दीक्षित ने बताया कि इस बार गंगाजल भरने वाले कांवड़ यात्रियों की संख्या में रिकार्ड वृद्धि हो सकती है। ऐसे में सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। कांवड़ यात्रा क्षेत्र को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में बांटते हुए प्रत्येक सेक्टर में मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती की गई है। हर प्रवेश मार्ग पर बैरिकेडिंग लगाई गई है।
निगरानी के लिए 350 सीसीटीवी कैमरे और 11 ड्रोन की व्यवस्था की गई है। बताया कि यात्रा के दौरान विभिन्न विभागों को आपसी समन्वय से स्वच्छता, चिकित्सा, यातायात, शांति, विद्युत, पेयजल, अग्निशमन, प्रकाश, ध्वनि यंत्र, साइन बोर्ड, पार्किंग, खाद्य आपूर्ति आदि व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए गए हैं।

महत्वपूर्ण तिथियां

  • कांवड़ मेले की अवधि- 11 जुलाई से 23 जुलाई तक
  • पंचक अवधि- 13 जुलाई से 17 जुलाई तक
  • डाक कांवड़- 20 जुलाई से 23 जुलाई तक
  • श्रावण शिवरात्रि- 23 जुलाई

नियंत्रण कक्ष सक्रिय

कांवड़ यात्रा की निगरानी के लिए नगर नियंत्रण कक्ष (सीसीआर) में कांवड़ कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो गुरुवार से सक्रिय हो गया। यहां से सुरक्षा, सफाई, पेयजल, प्रकाश समेत अन्य नागरिक सेवाओं की 24 घंटे निगरानी की जाएगी। सुरक्षा के लिए हरिद्वार जनपद में करीब छह हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है।

ट्रैफिक प्लान लागू

जिला प्रशासन ने कांवड़ यात्रा के लिए बनाए गए विशेष ट्रैफिक प्लान के तहत रात 12 बजे से हरिद्वार नगर क्षेत्र में यातायात को नियंत्रित कर दिया है। हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, छुटमलपुर, मंगलौर, देहरादून, ऋषिकेश, नैनीताल, नजीबाबाद आदि क्षेत्रों से आने वाले सभी हल्के व भारी वाहनों के लिए अलग-अलग रूट और पार्किंग स्थल निर्धारित किए गए हैं। मेला क्षेत्र में कुल 42,700 वाहनों के लिए पार्किंग तय कर दी गई है।

देहरादून, ऋषिकेश से आने वाली सभी रोडवेज बस नेपाली तिराहा, रायवाला, दूधाधारी तिराहा होते हुए मोतीचूर पार्किंग में जाएंगी। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर से आने वाली रोडवेज बस ऋषिकुल मैदान में पार्क होंगी। बिजनौर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, नैनीताल की ओर से आने वाली बस नीलधारा या गौरीशंकर पार्किंग में खड़ी की जाएंगी।

स्वास्थ्य और सफाई व्यस्था चाक-चौबंद

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, हरकी पैड़ी से लेकर नारसन बार्डर तक 30 चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 450 चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की तैनाती की गई है। आपात स्थिति के लिए 108 सेवा के साथ बाइक एंबुलेंस भी मुस्तैद रखी गई है।

वहीं, नगर निगम ने एक हजार सफाईकर्मियों की तैनाती की है। 24 घंटे साफ-सफाई के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है। प्रमुख स्थलों पर पेयजल टैंकर व मोबाइल शौचालय लगाए गए हैं।

हरकी पैड़ी पर उमड़ी शिवभक्तों की भीड़

हरकी पैड़ी समेत हरिद्वार के प्रमुख गंगा घाटों पर गुरुवार सुबह से ही शिवभक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। ‘बम बम भोले’ के जयघोषों से गंगा तट गूंज उठे। कांवड़ यात्रियों के लिए स्थानीय व्यापारियों, सेवादारों और धार्मिक संस्थाओं ने जगह-जगह जलपान व विश्राम शिविर लगाए गए हैं।

कांवड़ यात्री यह करें

  • पैदल यात्रा के लिए कांवड़ पटरी (नहर पटरी) का ही उपयोग करें।
  • अपना पहचान पत्र (ड्राइविंग लाइसेंस व आधार कार्ड) साथ रखें।
  • वाहन को निर्धारित पार्किंग में ही खड़ा करें।
  • जेबकतरों और जहरखुरानी गिरोह से सावधान रहें।
  • वाहन में कांवड़ यात्रियों की सूची व यात्रा का विवरण लगाएं।
  • निर्धारित घाटों पर ही स्नान करें और सुरक्षित ढंग से जल भरें।
  • अनजान लोगों से किसी भी प्रकार की खाद्य सामग्री लेकर न खाएं।
  • यात्रा के दौरान कांवड़ को सड़क नहीं, निर्धारित स्थान पर रखें।
  • रात्रि विश्राम शिविरों और रैन बसेरों में ही करें।

कांवड़ यात्री यह न करें

  • हाकी, बेसबाल, तलवार, भाले, लाठी, डंडे आदि साथ न रखें।
  • नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
  • बिना पंजीकृत वाहनों का प्रयोग न करें।
  • पैदल कांवड़ की ऊंचाई सात फीट व झांकी की ऊंचाई 12 फीट से अधिक न रखें।
  • ट्रेन की छत पर बैठकर यात्रा न करें।
  • पुलों से छलांग लगाकर स्नान न करें।
  • किसी भी प्रकार की अफवाह न फैलाएं।
  • संदिग्ध/लावारिस वस्तुओं न छुएं, उसकी सूचना पुलिस को दें।
  • हरिद्वार में प्लास्टिक व प्लास्टिक से बनी कांवड़ का प्रयोग न करें।
  • मोटरसाइकिल को साइलेंसर उतारकर न चलाएं।
  • डीजे/म्यूजिक सिस्टम की आपस में प्रतियोगिता न करें।
  • डीजे/म्यूजिक सिस्टम को वाहन की बाडी के बाहर न लगाएं।

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