वाराणसी। गंगा किनारे आठ कच्चे घाटों का पुनरुद्धार का कार्य पूरा कर लिया गया है। 22 करोड़ की लागत से यह कच्चे घाट अब पक्के हो चुके हैं। नगर निगम इन घाटों को सिर्फ पक्का ही नहीं, सांस्कृतिक रूप से समृद्ध और सौंदर्य से परिपूर्ण भी बनाया है।
पुनरुद्धार हुए पंच अग्नि अखाड़ा घाट, रानी घाट, प्रह्लाद घाट, नया घाट, तेलियाना घाट, सक्का घाट, निशादराज घाट और गोला घाट में परंपराओं व आधुनिकता के संतुलन को साधा गया है। ऐसे में काशी की परंपरा, संस्कृति और पर्यटन को नया आयाम देने की दिशा में निगम की एक बड़ी पहल है। इसका लोकार्पण दो अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे।
वहीं निर्माण में स्थानीय चुनार पत्थरों और पारंपरिक कारीगरों की सेवाएं ली गईं। हर घाट पर छत्रियां, चबूतरे, बैठने की बेंच, साइनेज और पौधारोपण स्थानीय पहचान को संजोते हैं। हर घाट पर एक साइनबोर्ड लगाया गया है, जो वहां की ऐतिहासिक कहानी से लोगों को जोड़ता है।
सायंकालीन भ्रमण करने वालों के लिए एकीकृत प्रकाश व्यवस्था की गई है, जिससे गंगा किनारे की शामें और भी रमणीय बन सकें। पीरामल ग्रुप ने दो चरणों में कार्य पूरा किया। पहले चरण में छह घाटों का कार्य सितंबर 2024 तक पूरा कर लिया गया था।
दूसरे चरण में दो घाटों का पुनरुद्धार का कार्य जुलाई में पूरा हुआ। कुल 25 करोड़ की लागत में से 22 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है। नगर निगम व पीरामल ग्रुप भविष्य में भी घाटों के विकास के लिए साझेदारी को जारी रखने की योजना बना रहे हैं।