धराली में आपदा से गंगोत्री धाम में सन्नाटा, कारोबारी चिंतित

उत्तरकाशी। धराली आपदा के बाद गंगोत्री धाम में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। धाम के प्रमुख पड़ाव धराली बाजार के आपदा से तबाह होने के चलते यात्रा कारोबारियों से लेकर क्षेत्र के स्थानीय लोग भी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। साथ ही यात्रा बाधित होने के चलते गंगोत्री धाम में होटल, ढाबे व प्रसाद आदि के दुकान चलाने वाले व्यवसायी अपने प्रतिष्ठान बंद कर अपने घरों को लौट गए हैं।

बता दें कि धराली गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव था। गंगोत्री धाम से करीब 25 किमी पहले स्थित इस कस्बे में तीर्थयात्रियों के साथ पर्यटक भी कुछ समय रुककर चाय-नाश्ते से लेकर दिन का खाना खाते थे। लेकिन गत 5 अगस्त को खीर गंगा नदी में आए सैलाब ने एक पल में ही यहां 15 से 20 होटल, होमस्टे के साथ बड़ी संख्या में आवासीय भवनों को तबाह कर दिया।
वर्तमान में स्थिति ये है कि धराली का बाजार लगभग 30 फीट मलबे के नीचे दब चुका है। वहीं, इस कारण गंगोत्री हाईवे भी मलबे में दबने से बाधित हुआ है। हालांकि बीआरओ की ओर से यहां अस्थाई रुप से हाईवे को बहाल करने की कवायद शुरू की गई है। लेकिन चारधाम यात्रा के सितंबर-अक्टूबर में होने वाले दूसरे चरण को लेकर उत्साहित छोटे-बड़े यात्रा कारोबारियों की उम्मीदों को आपदा से बड़ा झटका लगा है।

अब यहां कब जनजीवन सामान्य होगा, कुछ नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि अभी तक सैलाब में गुम हुए लोगों का भी कुछ पता नहीं चल पाया है। श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल व तीर्थपुरोहित राजेश सेमवाल का कहना है कि धराली आपदा के साथ गंगोत्री हाईवे जगह-जगह बाधित होने से यात्रा बाधित है। इसका धाम में सन्नाटा है। उम्मीद है कि 15 सितंबर के बाद ही स्थिति सामान्य हो पाएगी।

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