RRP की उत्तराखंड में फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र और फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने वाले अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की जोरदार मांग

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की मांग: उत्तराखंड में फर्जी निवास और जाति प्रमाणपत्र बनाने वाले अधिकारियों पर हो सख्त कार्रवाई, स्पेशल जांच कमेटी का गठन हो

देहरादून, 02 दिसंबर 2025: राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने उत्तराखंड में फर्जी स्थायी निवास प्रमाणपत्र और फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने वाले अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की जोरदार मांग की है। उन्होंने पटवारी, तहसीलदार और उप जिलाधिकारी (एसडीएम) स्तर के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने पर विशेष जोर दिया, जिनकी मिलीभगत से ऐसे फर्जी दस्तावेज तैयार हो रहे हैं। श्री सेमवाल ने कहा कि यह प्रथा राज्य के स्थानीय युवाओं के अधिकारों पर हमला है और प्रशासनिक तंत्र में गहरी सड़ांध को उजागर करती है।

श्री सेमवाल ने चमोली जिले के हालिया प्रकरण का हवाला देते हुए कहा कि नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोपी गेस्ट टीचर युनुस अंसारी का मामला सिर्फ एक आपराधिक घटना नहीं, बल्कि फर्जीवाड़े की जड़ें जमा चुकी प्रशासनिक समस्या का प्रतीक है। युनुस अंसारी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के जलालाबाद का निवासी होने के बावजूद चमोली का स्थायी निवास और ओबीसी प्रमाणपत्र प्राप्त कर सरकारी शिक्षक पद पर नियुक्त हो गया। यह बहुस्तरीय प्रक्रिया में पटवारी से लेकर तहसीलदार और एसडीएम तक की लापरवाही या साठगांठ को दर्शाता है। “क्या पटवारी ने बिना सत्यापन के रिपोर्ट तैयार की? क्या तहसीलदार और एसडीएम ने जांच-पड़ताल किए बिना हस्ताक्षर कर दिए? या यह पूरा प्रकरण किसी संगठित साजिश का नतीजा है?” – श्री सेमवाल ने इन सवालों को उठाते हुए कहा कि ऐसे फर्जी प्रमाणपत्रों से स्थानीय प्रतिभाशाली युवाओं को सरकारी नौकरियों और आरक्षण के लाभ से वंचित किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय आरक्षण नीति एक मजाक बन गई है।

उत्तराखंड में यह समस्या नई नहीं है। फर्जी स्थायी निवास और जाति प्रमाणपत्रों के माध्यम से सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक प्रवेश और अन्य योजनाओं में अनियमितताएं लगातार सामने आ रही हैं। श्री सेमवाल ने इसे ‘रक्तबीज’ तंत्र की संज्ञा देते हुए कहा कि अधिकारियों के बीच जवाबदेही की कमी से यह प्रथा फल-फूल रही है। एक मामले में कार्रवाई न होने से दस नए फर्जी प्रमाणपत्र जन्म लेते हैं, जो आने वाली पीढ़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।

श्री सेमवाल ने मांग की कि राज्य सरकार विभिन्न सरकारी विभागों और योजनाओं का लाभ लेने वाले फर्जी स्थायी निवास एवं जाति प्रमाणपत्र धारकों की जांच के लिए एक स्पेशल जांच कमेटी का तत्काल गठन करे। साथ ही, इस कमेटी को समयबद्ध तरीके से जांच पूरी करने के निर्देश जारी किए जाएं।

उन्होंने पुराने प्रमाणपत्रों की विशेष जांच, डिजिटल सत्यापन प्रक्रिया और इंटर-स्टेट डेटाबेस इंटीग्रेशन को अनिवार्य बनाने तथा फर्जीवाड़े में संलिप्त अधिकारियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की भी मांग की। “यह मामला सिर्फ युनुस अंसारी का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासनिक ढांचे का आईना है, जो लापरवाही और भ्रष्टाचार के बीच सत्य की रक्षा में असफल साबित हो रहा है। यदि अब भी कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह खेल राज्य के युवाओं के सपनों को कुचलता रहेगा,” – श्री सेमवाल ने चेतावनी दी।

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी राज्य के स्थानीय हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस मुद्दे पर सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा करती है।

संपर्क:

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी मुख्यालय, देहरादून

फोन: 9412056112

ईमेल: rrpartyuk@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *