मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अयोध्या में पहली बार हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्ताव पास हुए

अयोध्या। अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव व 11 नवंबर को भव्य दीपोत्सव के आयोजन से पहले गुरुवार को राम की नगरी अयोध्या में योगी सरकार ने कैबिनेट की बैठक कर धार्मिक व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के एजेंडे को धार दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में अयोध्या में पहली बार हुई कैबिनेट बैठक में कुल 14 प्रस्ताव पास हुए हैं। इनमें से आठ प्रस्ताव धर्म व संस्कृति से जुड़े हैं।

सरकार ने अयोध्याजी धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के साथ ही यहां 25 एकड़ भूमि में मंदिर म्यूजियम बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई। अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान का दर्जा देने के साथ ही विभिन्न मेलों को राजकीय मेलों का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। देवीपाटन धाम तीर्थ विकास परिषद एवं शुक तीर्थ धाम विकास परिषद के भी गठन का निर्णय हुआ है। अयोध्या सहित तीनों ही विकास परिषद के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। 

इससे पहले, 2019 में प्रयागराज में भी योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की बैठक की थी। मुख्यमंत्री ने अयोध्या में कैबिनेट बैठक करने के लिए नौ नवंबर का दिन इसलिए चुना क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का निर्णय भी नौ नवंबर, 2019 के दिन ही श्रीरामलला के पक्ष में दिया था। गुरुवार को कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं पत्रकार वार्ता कर यहां लिए गए निर्णयों की जानकारी दी। 

अयोध्या के सभी मेलों का खर्च उठाएगी सरकार 

कैबिनेट ने अयोध्या में होने वाले सभी मेलों का प्रांतीयकरण कर दिया है। ऐसे में यहां का पूरा खर्च सरकार उठाएगी। यहां मकर संक्रांति व बसंत पंचमी मेला का प्रबंधन जिलाधिकारी करेंगे। दीपोत्सव का आयोजन भी इसमें शामिल कर लिया गया है। मकर संक्रांति मेला प्रत्येक वर्ष पौष माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया से सप्तमी तक आयोजित होता है। बसंत पंचमी मेला माघ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है। 

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