उत्तराखंड परिवहन आयुक्त को पहाड़ो में अनफिट वाहनों से हुई दुर्घटनाओं व अनफिट वाहनों के संचालन पर आयोग ने किये नोटिस जारी

समस्त मामला इस प्रकार हैं कि पहली दुर्घटना:- दिनांक 25.5.2022 को मैक्स गाड़ी नंबर UK-10TA-0564 हरिद्वार से गंगोत्री जा रही थी।
यह कि उक्त गाड़ी समय 15:30 बजे करीब कोटी गाड निकट कमान्द गंगोत्री मार्ग पर मैक्स गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। जिसमें सवार 06 व्यक्तियों की मौके पर मृत्यु हो गयी।
यह कि प्रार्थी ने RTO VEHICLE INFORMATION App पर उपरोक्त UK-10TA-0564 वाहन के बारे में जानकारी ली गयी तो बहुत ही चौंकाने वाली निम्न जानकारियां प्राप्त हुई कि-
(1)- वाहन का परमिट की मियाद 09 मार्च वर्ष 2021/ 09-3-2021 को ही समाप्त हो चुकी हैं,जिसे एक वर्ष से भी ऊपर का समय हो गया हैं।
(2)- वाहन की फिटनैस की मियाद 18 मार्च वर्ष 2021/ 18-3-2021 को ही समाप्त हो चुकी हैं,जिसे एक वर्ष से भी ऊपर का समय हो गया हैं।
(3)- वाहन के टैक्स की मियाद 18 मार्च वर्ष 2021/ 30-11-2021 को ही समाप्त हो चुकी हैं,जिसे लगभग 6 माह का समय होने वाला हैं ।

यह कि उपरोक्त वाहन समस्त कमियों के चलते भी लगभग 1 वर्ष से ऊपर के समय से पहाड़ी सड़कों पर सवारियां लेकर दौड़ रहा है, तथा सबसे मुख्य कमी वाहन में फिटनेस ना होने की है पहाड़ों पर चलने वाली गाड़ी की फिटनेस अगर समय पर ना हो तो कैसे पता लगेगा कि गाड़ी में क्या-क्या कमियां है बड़ा सवाल यह है कि परिवहन विभाग और पुलिस विभाग ने क्या कभी इस बिना टैक्स के बिना परमिट के और बिना फिटनेस के दौड़ रहे वाहन की चेकिंग नहीं की परन्तु इसमें सबसे बड़ी लापरवाही परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की है, जिनकी लापरवाही के कारण 6 निर्दोष लोगों की जान चली गई।

दूसरी दुर्घटना :-उत्तराखंड के जिला उत्तरकाशी यमुना घाटी में दिनाँक 05-6-2022 को यात्रियों की बस नंबर UK04PA1541 लगभग 200 मीटर गहरी खाई में गिरने से 26 लोगों की मौत हो गई, डामटा से तकरीबन 2 किलोमीटिर नौगांव की तरफ ये हादसा हुआ है, बस में सवार यात्री मध्यप्रदेश के जिला पन्ना के रहने वाले हैं।
जानकारी के अनुसार बस में ड्राईवर सहित 30 लोग सवार थे चार लोग गंभीर रुप से घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सभी यात्री मध्यप्रदेश के बताए जा रहे हैं,सभी यात्री यमुनोत्री से दर्शन करके लौट रहे थे।
यह कि उपरोक्त बस नंबर UK04PA1541 बिना इन्श्योरेंस के संचालित की जा रही थी इस बस का इन्श्योरेंस दिनाँक 01-11-2021 को ही लगभग 7 माह पूर्व ही समाप्त हो चुका था ज़िम्मेदार अधिकारियों ने वाहन की चेकिंग नहीं की परन्तु इसमें सबसे बड़ी लापरवाही परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की है,तथा उनकी इस घोर लापरवाही के कारण जिन 26 यात्रियों की मृत्यु हुई है तथा जो 4 लोग घायल हैं, उनकों वाहन का इन्श्योरेंस ना होने के कारण इन्श्योरेंस कंपनी से मुआवज़ा कैसे मिलेगा?
यह कि परिवहन विभाग ऋषिकेश के अधिकारियों का कहना है कि दुर्घटनाग्रस्त बस को 15 मई से 15 नवंबर तक के लिए ग्रीन कार्ड जारी किया गया था तथा रविवार को इसे यात्रा का ट्रिप कार्ड जारी किया गया था, तथा रविवार दिनांक 05-6-2022 को ही यह बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई। सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि जब बस का इंश्योरेंस लगभग 7 माह पूर्व ही समाप्त हो चुका था तो उसे ग्रीन कार्ड कैसे जारी किया गया क्या ग्रीन कार्ड जारी करने से पहले बस का इंश्योरेंस चैक नहीं किया गया? यह बहुत ही गंभीर मामला है, इसमें जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी से कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

तीसरी दुर्घटना :- दिनांक 9 जून 2022 को थाना घनसाली द्वारा एसडीआरएफ टीम को सूचित किया गया कि घुत्तू रोड पर पोखर के पास एक पिकअप वाहन संख्या UK14TA-0932 अनियंत्रित होने से मुख्य मार्ग से करीब 100 मीटर नीचे दुर्घटनाग्रस्त हो गया था दुर्घटनाग्रस्त वाहन में कुल 8 लोग सवार थे जिनमें से 3 लोग घायल थे को 5 लोगों की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।
यह कि उपरोक्त पिकअप वाहन संख्या UK14TA-0932 टैक्स का भुगतान किए बिना संचालित किया रहा था इस वाहन का टैक्स दिनाँक 31-01-2022 को ही लगभग 3 माह पूर्व ही समाप्त हो चुका था परन्तु ज़िम्मेदार अधिकारियों के लापरवाही के कारण सड़कों पर संचालित किया जा रहा था।

इस अत्यन्त ही गंभीर प्रकरण में वरिष्ठ पत्रकार भूपेन्द्र कुमार लक्ष्मी द्वारा मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि यह बहुत ही गंभीर और संवेदनशील मामला है क्योंकि वाहनों की फिटनेस ना होना भी दुर्घटना का कारण हो सकता है तथा वाहन का इन्श्योरेंस ना होने पर मृतकों के परिजनों को तथा दुघर्टना में घायलों को इन्श्योरेंस कंपनी से मुआवज़ा कैसे मिलेगा साथ ही इन्श्योरेंस खत्म होने के बावजूद विभाग द्वारा ग्रीन कार्ड कैसे जारी कर दिया गया। इसलिए यात्रा मार्ग पर यात्रियों को लेकर सरपट दौड़ रहे इन वाहनों को लेकर परिवहन विभाग की भूमिका पर स्पष्ट तौर पर सवाल खड़े हो रहे हैं। चेकिंग के दावों के बाद भी परिवहन विभाग यात्रियों के जीवन से खेल रहे अवैध वाहनों को रोकने में नाकाम हुआ है। यात्रा पर आने वाले वाहनों को ऋषिकेश के पास परिवहन विभाग चेकिंग कर सूचीबद्ध करता है। वाहनों की ऑनलाइन चेकिंग कर यह सुनिश्चित किया जाता है की यात्रा में जाने वाले वाहन सभी नियमों में फिट हैं, परंतु फिर भी यह अनफिट वाहन कैसे संचालित किए जा रहे हैं इसलिए जनहित न्यायहित में इन वाहनों से संबंधित समस्त दस्तावेज तलब कर राज्य के वरिष्ठ अधिकारी को उच्च स्तरीय जाँच हेतु आदेशित कर तथा दोषियों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी विभागीय तथा कानूनी कार्रवाई कर जाँच तथा कार्यवाही की रिपोर्ट तलब करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए परिवहन आयुक्त उत्तराखंड को नोटिस जारी कर उपरोक्त समस्त दुर्घटनाओं एवं परिवहन विभाग की घोर लापरवाही व मिलीभगत से अनफिट वाहनों के संचालित होने के संबंध में रिपोर्ट तलब की गयी है।

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