भारत जोड़ो यात्रा के बीच उत्तराखंड कांग्रेस एक बार फिर बिखराव के रास्ते पर दिख रही है। इससे पहले भी कई मौकों पर पार्टी में गुटबाजी सतह पर आ चुकी है, जिसका कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा। प्रीतम सिंह गुट ने 21 को सचिवालय घेराव का एलान किया है लेकिन इस संबंध में प्रदेश कांग्रेस कमेटी को कोई जानकारी नहीं है। साफ है कि प्रीतम एकला चलो की राह पर शक्ति प्रदर्शन करने जा रहे हैं। संगठन से जुड़े लोग ऊहापोह की स्थिति में हैं कि सचिवालय घेराव में शामिल हों या नहीं?
बीते दिवस पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में एक प्रेसवार्ता का आयोजन कर सचिवालय घेराव का एलान किया। संगठन के पदाधिकारियों के नाम पर उसके साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना मौजूद थे। जबकि पीसीसी अध्यक्ष ने इस बारे में कोई जानकारी होने से इनकार किया। पार्टी जानकारों का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो पार्टी की फजीहत होना तय है। एक तरफ पार्टी भारत जोड़ो यात्रा निकाल रही है, वहीं दूसरी पार्टी में ही गुटबाजी हो रही है। भाजपा इस मौके को भुनाने से नहीं चुकेगी।
जब से प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी से हटे हैं, तब से उनके तेवर पार्टी से इतर दिखाई दे रहे हैं। पिछले दिनों अल्मोड़ा और फिर देहरादून में प्रभारी देवेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई दोनों बैठकों में प्रीतम गायब रहे। माणा (बदरीनाथ) से रुद्रप्रयाग तक निकली भारत जोड़ो यात्रा में भी वे दिखाई नहीं दिए। हालांकि उन्होंने इस दौरान हिमाचल चुनाव प्रचार में व्यस्त होने का हवाला दिया। लेकिन पार्टी सूत्रों की मानें तो देवेंद्र यादव से उनके रिश्तों में आई खटास इसकी प्रमुख वजह है।
प्रीतम पार्टी के फैसलों से असहज
प्रीतम हरिद्वार पंचायत चुनाव में मिली करारी हार के लिए खुले तौर पर प्रदेश प्रभारी को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। विस चुनाव में पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ उनका अघोषित युद्ध भी किसी से छिपा नहीं है। अब पार्टी को विश्वास में लिए बगैर वह राजनीतिक धरना प्रदर्शन करने जा रहे हैं। साफ है प्रीतम पार्टी के फैसलों से असहज हैं और राजधानी में बिना संगठन को साथ लिए बड़ा प्रदर्शन कर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराना चाहते हैं।
अब खेल में हमारी बारी है…
बीते दिवस प्रदर्शन के संबंध में पूछने पर प्रीतम सिंह ने एक कविता की दो पंक्तियों में उत्तर दिया। प्रीतम ने कहा- न थके हैं पांव अभी, न ही हिम्मत हारी है, ये खेल चाहे जिसका भी हो, अब इस खेल में हमारी बारी है…! इन पंक्तियों में वह अपने इरादे जाहिर कर चुके हैं।
पार्टी संगठन स्तर पर प्रीतम सिंह की ओर से इस संबंध में कोई राय मशविरा नहीं किया गया है। न ही उन्होंने मुझसे इस संबंध में कोई बातचीत की है। हालांकि वह भाजपा सरकार के खिलाफ ही प्रदर्शन कर रहे हैं। हो सकता है, उनका यह अपना कार्यक्रम हो। हम लोग फिलहाल भारत जोड़ो यात्रा के कार्यक्रम में व्यस्त हैं।
हम 21 को यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण, लचर कानून व्यवस्था, अंकिता भंडारी हत्याकांड जैसे मुद्दों को लेकर सचिवालय घेराव करेंगे। सचिवालय घेराव कार्यक्रम में सभी लोग आमंत्रित हैं। भाजपा के जो लोग इन मुद्दों से सहमत हैं, वह भी इसमें शामिल हो सकते हैं