देहरादून : खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि फूड ग्रेन एटीएम के इस्तेमाल से उपभोक्ता और सरकारी राशन विक्रेता के समय की बचत होगी। पर जिन उपभोक्ताओं के पास स्मार्ट राशन कार्ड होंगे, वही एटीएम का इस्तेमाल कर सकेंगे।
सोमवार को नेहरू कालोनी स्थित सरकारी राशन की दुकान में लगाए गए फूड ग्रेन एटीएम का खाद्य मंत्री रेखा आर्या ने निरीक्षण किया। उन्होंने राशन विक्रेताओं से वार्ता कर समस्याओं के बारे में जानकारी ली। उन्होंने उपभोक्ताओं से राशन की गुणवत्ता के बारे में पूछा।
बताया कि एटीएम सुविधा मिलने से उपभोक्ताओं को लंबी कतार में नहीं लगना पड़ेगा। सरकार प्रदेश में संचालित हो रही राशन की दुकानों में एटीएम लगाने को प्रयासरत है। एटीएम में दाल, चावल व गेहूं के बाक्स बनाए गए हैं। उन्होंने जिला पूर्ति विभाग को उपभोक्ताओं को स्मार्ट राशन कार्ड उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।
सरकारी राशन की दुकान में मिलेगी चीनी व नमक
प्रदेश सरकार सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के जरिये चीनी व नमक उपलब्ध कराने की तैयारी में है। ये दोनों वस्तुओं निश्शुल्क दी जाएं अथवा रियायती दरों पर, इसे लेकर मंथन चल रहा है।
केंद्र सरकार ने एनएफएसए के कार्ड धारकों को गेहूं व चावल मुफ्त देने का निर्णय लिया है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार इस प्रयास में है कि गरीबों को इसके साथ ही नमक व चीनी भी मुफ्त दी जा सके।
खाद्य मंत्री रेखा आर्या का कहना है कि ये दोनों ही वस्तुएं स्थानीय निवासियों से जुड़ी है। ये उनकी मूल आवश्यकता से जुड़ा विषय भी है। इन वस्तुओं को गरीबों को उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि प्रयास यह है कि वर्ष 2023 तक इस योजना को मूर्त रूप दिया जा सके
गोदाम से तय तिथि तक उठाना होगा राशन
जिला पूर्ति कार्यालय से सरकारी राशन विक्रेताओं को निर्देश जारी किए हैं कि निर्धारित तिथि तक गोदाम से राशन उठा लिया जाए। आदेश का अनुपालन न करने पर पूर्ति निरीक्षकों को रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
डीएसओ विपिन कुमार ने बताया कि महीने की 23 से 30 तारीख तक राशन विक्रेताओं को सरकारी गोदाम से राशन उठाने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे उपभोक्ताओं को समय पर राशन मिलने के साथ ही बायोमेट्रिक का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा हो सके।
उन्होंने बताया कि निर्देश का अनुपालन न करने पर राशन विक्रेताओं के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वहीं, क्षेत्रीय पूर्ति निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वह सरकारी दुकानों का निरीक्षण करें। जो विक्रेता लापरवाह पाया जाता है, उसकी रिपोर्ट जिला पूर्ति कार्यालय भेजें।