देहरादून। केदारनाथ धाम में गर्भगृह की वीडियो प्रसारित होने के मामले में उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत ने बदरी-केदार मंदिर समिति की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। महापंचायत का कहना है कि पूर्व में भी इस तरह के मामले सामने आए हैं। अध्यक्ष व कई सदस्यों के बीच तालमेल ठीक नहीं है। ऐसे में समिति की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए। कहा, इस संबंध में महापंचायत जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात करेगी।
सोमवार को जारी बयान में चार धाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के मीडिया प्रभारी रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि केदारनाथ के गर्भगृह की फोटो व वीडियो प्रसारित होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जबकि मंदिर समिति इस पर रोक लगाने की बात करती है। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति के अध्यक्ष व सदस्यों के बीच आरोप प्रत्यारोप का खेल चल रहा है।
मुख्यमंत्री से की थी जांच की मांग
रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि आपस में तालमेल ठीक न होने पर समिति के सात सदस्यों ने मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर जांच की मांग की थी, लेकिन अभी तक इस ओर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। महापंचायत केदारनाथ सोना प्रकरण की जांच सार्वजनिक करने की मांग लगातार कर रही है।
मंदिर समिति की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
रजनीकांत सेमवाल ने कहा कि वर्तमान में केदारनाथ के गर्भगृह से स्वयंभू लिंग के साथ एक ताजी तस्वीर प्रसारित हो रही है, जो मंदिर समिति की कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह है।
हो उच्च स्तरीय जांच
महापंचायत के महासचिव डा. बृजेश सती ने कहा कि मंदिर समिति को पूरी व्यवस्था देखनी चाहिए, लेकिन यह होते नहीं दिख रहा है। उन्होंने कहा कि समिति की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। इस संबंध में महापंचायत दीपावली के बाद राज्यपाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंप मामले में उचित कार्रवाई की मांग करेगी।