संवाददाता, हरिद्वार। कावड़ यात्रा की शुरुआत सावन के पहले दिन से यानी 11 जुलाई 2025 से ही शुरू हो जाएगी। आखिरी दिन यानी 9 अगस्त तक भक्त कांवड़ लेकर निकलेंगे।
उत्तर भारत की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा के सफल आयोजन के लिए हरिद्वार सीसीआर सभागार में अंतरराज्यीय समन्वय बैठक सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने की। जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी भी शामिल हुए।
बैठक में शांतिपूर्ण, सुव्यवस्थित और समन्वित कांवड़ मेला संचालन के लिए सभी राज्यों के बीच आपसी सहयोग करने पर सहमति बनी। दिल्ली-हरिद्वार राष्ट्रीय राजमार्ग-58 पर यातायात नियंत्रण, डाक कांवड़ की भीड़ और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था को लेकर रणनीति बनाई गई। कांवड़ पटरी मार्ग और पार्किंग स्थलों की तैयारियों की भी समीक्षा की गई।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कांवड़ यात्रियों के सुचारु आवागमन, सुरक्षा एवं व्यवस्था सुनिश्चित करने और अन्य राज्यों के बीच सूचनाओं का समन्वय बनाने के निर्देश दिए। जिससे कांवड़ यात्री श्रद्धाभाव के साथ यात्रा कर सकें।
डीजीपी दीपम सेठ ने हुड़दंग करने वाले कांवड़ यात्रियों से सख्ती से निपटने, नशे के अवैध व्यापार पर रोकथाम तथा मेला क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिया। बैठक में गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय, आइजी राजीव स्वरूप, हरिद्वार के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल सहित तमाम उच्चाधिकारी मौजूद रहे।