देहरादून। विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान सरकार ने उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक, 2025 सदन में रखा। इस विधेयक के पारित होने पर राज्य में एक और निजी विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।
साथ ही, विधेयक में यह भी प्रविधान किया गया है कि यदि विश्वविद्यालय की स्थापना और संचालन में कोई कठिनाई आती है, तो राज्य सरकार राजपत्र में प्रकाशित आदेश द्वारा उसका समाधान कर सकेगी, बशर्ते कि वह आदेश अधिनियम के प्रविधानों से असंगत न हो।
सरकार का मानना है कि इस संशोधन से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में न केवल विकल्प बढ़ेंगे, बल्कि टिहरी गढ़वाल सहित संपूर्ण गढ़वाल अंचल के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए अवसर भी प्राप्त होंगे।
ज्ञानार्जन की नई पद्धतियों को बढ़ावा देना उद्देश्य
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रस्तावित विवि का उद्देश्य शिक्षा में अभिनव प्रयोग करना, अध्यापन और ज्ञानार्जन की नई पद्धतियों को बढ़ावा देना व विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का समग्र विकास करना है।
इसके साथ ही सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ना, राज्य विषयक शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना भी विवि का प्रमुख लक्ष्य रहेगा।