लैंड जिहाद के मुद्दे पर धामी सरकार सख्त नजर आ रही है। सरकारी भूमि से अवैध धर्मस्थलों को हटाने की मुहिम के बाद अब सरकार राज्य में भूमि खरीदने वालों की पृष्ठभूमि जानने के लिए सत्यापन कराने का निर्णय ले सकती है। इस मसले पर बुधवार को होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंत्रियों के साथ चर्चा कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य विभागों के अहम प्रस्तावों पर भी कैबिनेट में फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकारी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंख्या असंतुलन को लेकर चिंता जता चुके हैं। असंतुलन की स्थिति को रोकने के लिए उन्होंने पहले ही बाहर से आने वाले अवांछनीय तत्वों पर नजर रखने के निर्देश दे रखे हैं। पुलिस को भी राज्य के बाहर से आने वाले संदिग्ध लोगों का सत्यापन करने को कहा गया है।
राज्य के सामाजिक, जनसांख्यिकीय और सांस्कृतिक ताने-बाने की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए अब भूमि खरीद में सत्यापन की प्रक्रिया को शामिल करने पर जोर दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को कैबिनेट में सरकार यह निर्णय ले सकती है कि राज्य से बाहर का कोई व्यक्ति यदि राज्य में भूमि की खरीद-फरोख्त करेगा तो उसकी पृष्ठभूमि की जांच की जाएगी। इसके लिए सत्यापन की प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
ये प्रस्ताव भी आ सकते हैं कैबिनेट में
इसके अलावा कैबिनेट में अंत्योदय परिवारों को राशन की दुकानों पर नमक और चीनी सब्सिडी पर उपलब्ध कराने का प्रस्ताव भी आ सकता है। शिक्षा विभाग की ओर से दुर्गम क्षेत्रों के छात्रों को स्कूल आने-जाने के लिए किराया भत्ता देने और दो विषयों में अनुत्तीर्ण छात्रों को पास होने का अवसर देने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में आ सकता है। इसके अलावा नगर निगमों के सीमा विस्तार का मुद्दा भी उठ सकता है।
उत्तराखंड देवभूमि है। यहां शांति लोगों का स्वभाव है। कानून व्यवस्था की स्थिति उत्तम है। हाल के वर्षों में जमीन की खरीद-फरोख्त बढ़ी है। सरकारी जमीनों पर अलग-अलग रूप में अवैध कब्जे भी हुए हैं। ऐसे में प्रदेश में कानून व्यवस्था और शांति व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो सकती है। इस बात पर विचार कर रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति राज्य में भूमि क्रय करेगा तो इसके कारणों सहित उसकी पृष्ठभूमि का सत्यापन किया जाएगा।