लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में उप्र राज्य शिक्षा सेवा आयोग के गठन के लिए विधेयक के प्रारूप समेत लगभग दो दर्जन प्रस्तावों को मंजूरी दी जा सकती है।
आयोग के गठन के लिए सरकार विधान मंडल के मानसून सत्र में विधेयक पारित करा सकती है। आयोग के गठन का प्रस्ताव पहले भी कैबिनेट बैठक में आया था लेकिन इसे स्थगित कर दिया गया था। कैबिनेट बैठक में नई फार्मा नीति पर भी मुहर लग सकती है
सस्ता हो सकता है इंटरनेट
नई धान खरीद नीति को अनुमोदित किया जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से बनाये गए भारतीय तारमार्ग अधिनियम को राज्य सरकार द्वारा अंगीकार किए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा सकती है। इस अधिनियम के राज्य में लागू होने से 5जी सेवाओं के सेवाप्रदाताओं को रियायत मिलगी। इससे प्रदेश में यह सेवाएं सस्ती हो सकेंगी।
मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण/नए शहर प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत सात शहरों में नई टाउनशिप विकसित करने के लिए भूमि अर्जन की खातिर राज्य सरकार 50 प्रतिशत राशि सीड कैपिटल के तौर पर देगी। इन सात शहरों में गोरखपुर, चित्रकूट, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, झांसी व बरेली शामिल हैं। इसके लिए 1000 करोड़ रुपये की धनराशि आहरित की गई है जिसके लिए आवास विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।
पर्यटन निगम के अधीन पर्यटन आवास गृहों को पीपीपी मोड पर संचालित करने के प्रस्ताव को भी कैबिनेट अनुमोदित कर सकती है। इसके अलावा पर्यटन विभाग के कुछ और प्रस्ताव स्वीकृत हो सकते हैं। बुंदेलखंड विकास प्राधिकरण के गठन के लिए जमीन खरीदने के लिए ऋण योजना को कैबिनेट अनुमोदित कर सकती है।
आगरा की सीवरेज परियोजना को मिल सकती है मंजूरी
जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत आगरा की पुनरीक्षित सीवरेज परियोजना को मंजूरी दी जा सकती है। सौर ऊर्जा और जैव ऊर्जा नीतियों के अंतर्गत निवेशकों को जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव स्वीकृत हो सकता है। निवेशकों को कारोबार करने में सहूलियत देने के लिए उप्र राजस्व संहिता में संशोधन का प्रस्ताव मंजूर हो सकता है।
सरकार प्रदेश में पांच निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए लागू हुए अध्यादेशों के प्रतिस्थानी विधेयक मानसून सत्र में लाएगी। इन विधेयकों के प्रारूपों को कैबिनेट मंजूरी दे सकती है। दंड प्रक्रिया संहिता में संशोधन के लिए लागू किये गए उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) (संशोधन) अध्यादेश के लिए मानसून सत्र में लाए जाने वाले प्रतिस्थानी विधेयक पर भी मुहर लग सकती है। इनके अलावा कृषि, लोक निर्माण समेत कुछ अन्य विभागों के प्रस्ताव मंजूर किये जा सकते हैं।