मुख्यमंत्री धामी ने कहा लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखंड का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अध्ययन करने में राज्य में उच्च स्तरीय ग्लेशियर केंद्र खोलने का अनुरोध किया है। उन्होंने जैव विविधता संरक्षण संस्थान की स्थापना के लिए भी केंद्र से तकनीकी सहयोग की मांग की है। मंगलवार को वाराणसी में आयोजित मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने राज्य में साहसिक पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय साहसिक खेल प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए सहयोग मांगा है।

उन्होंने उत्तराखंड के हित में केंद्र सरकार से कुछ नीतिगत प्रविधानों में शिथिलता प्रदान करने का भी आग्रह किया। उन्होंने राज्य में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कुशल संचालन के लिए अतिरिक्त सहयोग देने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लगभग 80 प्रतिशत पर्वतीय भू-भाग वाले उत्तराखंड का 71 प्रतिशत क्षेत्र वनों से आच्छादित है। राज्य की जटिल भौगोलिक परिस्थितियां तथा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण राज्य की आर्थिक गतिविधियां सीमित हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों एवं सीमित संसाधन के बावजूद राज्य की अर्थव्यवस्था में लगभग डेढ़ गुना की वृद्धि हुई है।

वर्ष 2023-24 में नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी रैंकिंग में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, वहीं इस वर्ष जारी केयर एज रेटिंग रिपोर्ट में सुशासन एवं वित्तीय प्रबंधन के क्षेत्र में छोटे राज्यों की श्रेणी में भी उत्तराखंड को दूसरा स्थान मिला है।

राज्य में समान नागरिक संहिता, सख्त नकल विरोधी कानून, मतांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून व भू-कानून बनाकर उत्तराखंड को समरस एवं सुरक्षित राज्य बनाने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में देश की पहली योग नीति का शुभारंभ किया गया है। राज्य में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन का भी बढ़ावा देने के लिए दो स्प्रिचुअल इकोनामिक जोन की स्थापना का निर्णय लिया गया है।

इस प्रयासों और राज्य सरकार की प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतारने में केंद्र सरकार द्वारा भी भरपूर सहयोग ओर समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि मध्य क्षेत्रीय परिषद की विगत वर्षों में हुई बैठकों में अनेक महत्वपूर्ण, नीतिगत एवं अंतरराष्ट्रीय विषयों के समाधान का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। देश में सहकारिता सुरक्षा और क्षेत्रीय समन्वय की दिशा में ऐतिहासिक कार्य हो रहे हैं।

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