हैदराबाद। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने माओवादियों से किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार करते हुए कहा कि प्रतिबंधित संगठन के सदस्यों को हथियार छोड़ देना चाहिए, पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देना चाहिए और मुख्यधारा में शामिल हो जाना चाहिए।
रविवार को तेलंगाना के निजामाबाद में हल्दी बोर्ड के राष्ट्रीय मुख्यालय का उद्घाटन करने के बाद एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी अभी भी ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठा रहे हैं। उन्हें इस ऑपरेशन की प्रभावशीलता को समझने के लिए पाकिस्तान की (खराब) हालत देखनी चाहिए।
अमित शाह ने क्या कहा?
शाह ने कहा, ”कांग्रेस केंद्र सरकार से माओवादियों से चर्चा करने के लिए कहती है। मगर, हमारी सरकार की स्पष्ट नीति हथियार रखने वालों से कोई बातचीत नहीं करने की है। हथियार छोड़ो, आत्मसमर्पण करो और मुख्यधारा में शामिल हो जाओ।”
गृह मंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर में करीब 10,000 लोगों ने हथियार छोड़ दिए और मुख्यधारा में शामिल हो गए। उन्होंने तालुक स्तर से लेकर राज्य विधानसभाओं तक के पदों के लिए हुए चुनावों में भी भाग लिया। इसी तरह, पिछले डेढ़ साल में 2,000 से अधिक माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है।
माओवादियों का होगा सफाया
उन्होंने दो टूक कहा, ”हथियार छोड़ो और आत्मसमर्पण करो। अगर आप आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो हमने तय किया है कि 31 मार्च, 2026 से पहले इस देश से माओवादियों का सफाया हो जाएगा।”
उन्होंने कहा कि आदिवासी इलाकों में हिंसा में पिछले चार दशकों में 40,000 लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने कहा कि कई आदिवासियों ने अपने अंग या यहां तक कि अपनी जान भी गंवा दी है। उन्होंने पूछा कि जो लोग इनके पक्ष में बात करते हैं, वे हिंसा में जान गंवाने वाले आदिवासियों और सुरक्षाकर्मियों के परिजनों को क्या जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि उन्हें आशंका है कि कांग्रेस देश भर में भाग रहे माओवादियों को तेलंगाना में पनाह न दे दे। हालांकि, उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि केंद्र में मोदी सरकार सत्ता में है। उन्होंने मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी से कहा कि उन्हें राज्य को माओवादियों का अड्डा नहीं बनने देना चाहिए।