लखनऊ। वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देश के बाद मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने मंगलवार की शाम वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि हर हाल में पराली जलने की घटनाएं रोकी जाएं।
इसके लिए सख्ती की जाए और जुर्माना लगाया जाए। उन्होंने कहा कि जिन जिलों में ग्रैप-4 लागू है, वहां जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाए। जिन निर्माण कार्यों को छूट प्रदान की गई हैं उन्हें छोड़कर सभी कार्यों को तत्काल बंद कराया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए उपलब्ध उपकरणों एवं संसाधनों का पूरी क्षमता के साथ उपयोग किया जाए।
सार्वजनिक परिवहन के उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। हाट मिक्स प्लांट, क्रशर, वायु प्रदूषण कारक उद्योग बंद कराए जाएं। एनसीआर के जिलों में विशेष रूप से सतर्क रहने की जरूरत है। मुख्य सचिव ने पराली या कूड़ा जलाने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना लगाने के निर्देश दिए हैं। पराली को गो आश्रय स्थलों को दान देने के अलावा इसे कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट में देने के लिए कहा है। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
गन्ने के खेतों में बचे अवशेष जलाने से रोका जाए। जिन क्षेत्रों में पराली जलने की घटनाएं हो रही हैं, वहां संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, सचिव कृषि राज शेखर सहित कई अन्य उपस्थित थे।