बिना धार्मिक छेड़छाड़ किए, प्रदेश में भी बोर्ड की एक एक इंच भूमि की जांच और देखभाल की जाएगी। वहीं इस मौके पर राष्ट्रीय महामंत्री, प्रदेश प्रभारी और वक्फ संशोधन की केंद्रीय कमेटी के सदस्य दुष्यंत गौतम ने कहा, वक्फ की जो भी जमीनें अवैध कब्जों से मुक्त होंगी, उन पर गरीब और मुस्लिम महिलाओं के लिए पीएम आवास बनाए जाएंगे।
इसी क्रम में यह संशोधन देशहित और समजाहित में है और गरीबों के अधिकार सुनिश्चित करने और काली कमाई को सफेद करने वाली मंशा पर रोक लगाने वाला है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि किसी की भी धार्मिक स्वतंत्रता पर आंच नहीं आएगी और एक-एक इंच जमीन को जांच और देखभाल की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून का सर्वाधिक लाभ मुस्लिम समाज में गरीबों, तलाकशुदा और विधवा महिलाओं, अनाथ बच्चों और जरूरतमंद लोगों को मिलने वाला है।
विपक्ष की मंशा पर सवाल
उन्होंने विरोध करने वाले विपक्ष की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि लाखों करोड़ की प्रॉपर्टी के बावजूद क्यों इसके माध्यम से गरीबों की मदद नहीं की गई। हम सब पार्टी कार्यकर्ताओं को इस कानूनी सुधार की विस्तृत जानकारी आम जनता तक पहुंचानी है ताकि विपक्ष की भ्रमित और भय पैदा करने की राजनीति पर पूरी तरह लगाम लगे।
उन्होंने प्रदेश की वफ्फ संपत्तियों का जिक्र करते हुए कहा, लगभग 5700 संपत्तियां वक्फ में दर्ज हैं। जिनका पूरे सत्यापन से रिकॉर्ड बनाकर गहन जांच पड़ताल की जाएगी। प्रदेश में कानून का राज है इसलिए जहां भी अतिक्रमण पाया गया तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इससे पहले हमारी सरकार राज्य की डेमोग्राफी और स्वरूप बनाए रखने की दृष्टि से यूसीसी, कठोर धर्मांतरण विरोधी कानून, दंगारोधी कानून लेकर आई है। लिहाजा इस संशोधन कानून को भी कड़ाई से देवभूमि में लागू करेगी और गरीबों का उनका हक दिलाएगी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रदेश प्रभारी गौतम ने कहा कि जनसंघ की स्थापना के समय से ही हम सशक्त भारत निर्माण के लिए प्रतिबद्ध हैं। जो भी देश की एकता और देशवासियों के कल्याण के लिए जरूरी लगा, उसे हमने समय आने कर लागू कर दिखाया है। लाख विरोध और हिंसक धमकियों के बावजूद मोदी सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाया, तीन तलाक बिल लाकर मुस्लिम बहनों को पीड़ा से मुक्त किया, सीएए को लागू किया।
यह वक्त बिल संशोधन कानून कोई नया कार्य नहीं है बल्कि हमने पूर्व की कांग्रेस सरकारों द्वारा 2013 और 1995 में की गई गलतियों को सुधारने का काम किया है। इसके पीछे हमारा स्पष्ट मानना है कि तुष्टीकरण के नाम पर राष्ट्र विरोधी कार्यो को किसी भी कीमत कर तरजीह नहीं दी जाएगी।
गरीबों के कल्याण के लिए वक्फ की संपत्तियों का सही इस्तेमाल होना चाहिए, जिसके लिए इस कानून से हम सभी अवैध कब्जा को हटाएंगे। साथ ही यूपी सरकार की तर्ज पर ऐसी मुक्त जमीनों पर गरीब मुस्लिम महिलाओं, विशेषकर तलाकशुदा और विधवा महिलाओं, अनाथ बच्चों के लिए पीएम आवास बनाए जाएंगे। ऐसी संपत्तियों पर गरीब समाज के लिए अस्पताल, शिक्षण संस्थान और समुदायिक भवन आदि सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
आजाद हुई वक्फ संपत्तियों से होगा समाज का विकास
उन्होंने विश्वास दिलाते हुए कहा कि जब इस कानून से आजाद हुई वक्फ संपत्तियों से समाज का विकास होगा तो आज विरोध करने वाले लोग मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे। पीएम मोदी और भाजपा का स्पष्ट मंतव्य है कि विकसित भारत के निर्माण के लिए देश के मुस्लिम समाज का विकसित होना भी अत्यधिक आवश्यक है। यह वक्त संशोधन कानून भी हमारे ऐसे प्रयासों के लिए मील का पत्थर साबित होने वाला है।
कार्यशाला के दूसरे सत्र को संबोधित करते हुए प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार ने सभी प्रतिभागियों से एक पखवाड़े तक चलने वाले इस अभियान की रूपरेखा साझा की। उन्होंने कहा हम सबको एकजुट होकर इस सुधारात्मक कानून की सकारात्मक चर्चा को नीचे तक ले जाना है। यह जनजागरण का अभियान, समाज के एक बड़े तबके को दिशा देने का काम करने वाला है ताकि वह भ्रमित करने वाले विपक्ष के झांसे में न आए।
हमारा प्रयास होना चाहिए कि इस कानून के सभी प्रभावित पक्षों को इसकी सही और विस्तृत जानकारी हो ताकि उसका अधिक लाभ वे भविष्य में ले सकें। साथ ही बताया कि 10 अप्रैल की केंद्रीय कार्यशाला के बाद आज इस प्रदेश कार्यशाला की तर्ज पर आगामी 20 से 22 अप्रैल के मध्य सभी जनपदों में कार्यशाला का आयोजन किया जाना है जिसे अगले चरण में मंडलों तक लेकर जाना होगा।
कार्यशाला में उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने इस संशोधन के सभी प्रमुख बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस तरह पूर्व में इस बोर्ड को मिले असीमित अधिकारों के कारण बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया। न केवल इसकी जमीनों पर बड़ी संख्या पर कब्जे किए गए, वहीं सरकारी संपति और निजी संपत्तियों पर भी बोर्ड ने दावा किया। इसके पीड़ितों में बड़ी तादात अल्पसंख्यक समाज की है।
उन्होंने दिल्ली, लखनऊ, कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्र आदि अनेकों स्थानों पर वक्फ बोर्ड की ज्यादतियों का जिक्र किया। जिसमें से अधिकांश पर तो कांग्रेस इंडी गठबंधन नेताओं, वक्फ बोर्ड और पर्सनल बोर्ड के अधिकारियों ने ही कब्जा किया हुआ है। अब वक्फ कानून में परिवर्तन का सबसे बड़ा खामियाजा तो इन कब्जाधारियों को ही होने वाला है।