देहरादून के कारगी क्षेत्र में हरिद्वार रोड राष्ट्रीय राज मार्ग के किनारे नगर निगम की लापरवाही से कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है, इस स्थान के आसपास काफ़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं बदबू के कारण स्थिति अत्यंत ही विकट है और इसे कूड़े के कारण बीमारियां फैलने का खतरा है और बीमारियां फैल भी रही होंगी,स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि का खतरा।
इस संवाददाता द्वारा उपरोक्त प्रकरण में मानवाधिकार आयोग उत्तराखंड में जनहित याचिका दायर कर निवेदन किया गया कि “देहरादून के कारगी में एक और कूड़े का पहाड़ खड़ा हो गया है। कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन को मैकेनाइज्ड कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन में तब्दील करने के दौरान देखते-देखते हजारों टन कूड़ा वहां एकत्र हो गया, लेकिन नगर निगम के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे”।
“कूड़ा एकत्र होने के कारण यहां बहुत ही ज़्यादा बदबू आने लगी है। राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे होने के कारण यहां से हजारों लोगों की आवाजाही रहती है। इस स्थान के आसपास काफ़ी आबादी वाले क्षेत्र हैं बदबू के कारण स्थिति अत्यंत ही विकट है और इस कूड़े के कारण बीमारियां फैलने का खतरा है ,इससे ब्राह्मणवाला, कारगी सहित करीब डेढ़ किमी एरिया में रहने वाले लोग कूड़े के ढेर से उठने वाली बदबू से परेशान रहते हैं”।
“कारगी से सारा कूड़ा शीशमबाड़ा भेजने की जिम्मेदारी एक कंपनी को सौंपी गई है। तभी से यह स्थिति खराब हुई है और हाईवे के किनारे कूड़ा एकत्र हो गया।
“31 मार्च 2022 को कैग ने अपनी रिपोर्ट जारी की थी। कैग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन आवासीय क्षेत्रों, राष्ट्रीय राजमागों और नदी के किनारे पर स्थापित किया गया है। नियमानुसार यह गलत है। नगर निगम के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया। व्यवस्था को बेहतर करने की बजाय और खराब किया”।
शिक़ायत का विषय बहुत ही गंभीर और स्पष्ट रूप से आमजनता की जानमाल की हानि से जुड़ा हुआ है इसलिए जनहित, न्यायहित में कार्यवाही हेतु निर्देशित कर रिपोर्ट तलब कर कड़ी कार्यवाही करने की कृपा करें।
आयोग द्वारा जनहित याचिका पर कार्रवाई करते हुए मुख्य नगर अधिकारी को नोटिस जारी कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने हेतु आदेशित किया गया।