जिन क्षेत्रों में गुलदार दिखे, उसकी सूचना तुरंत आपदा या वन विभाग को दें: डीएम

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जिलाधिकारी ने स्कूली बच्चों से गुलदार के बारे में उनकी जागरूकता की ली जानकारी

गुलदार-मानव संघर्ष के न्यूनीकरण हेतु हितधारकों की कार्यशाला का हुआ आयोजन

पौड़ी- वन विभाग की ओर से जिला मुख्यालय स्थित प्रेक्षागृह में गुलदार (तेंदुआ) और मानव के बीच बढ़ते संघर्ष की समस्या के समाधान हेतु विशेषज्ञों के साथ हितधारकों की कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में स्कूली बच्चों और मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा करते हुए गुलदार के हमलों, गतिविधियों और समाचार प्रस्तुतिकरण पर चर्चा की गयी।

बृहस्पतिवार को गुलदार कु दगड़िया कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने किया। उन्होंने कहा कि पुलिस और नगर निकायों को गुलदार की सक्रियता वाले क्षेत्रों की पहचान करनी होगी। इसका रिकार्ड अपडेट होना चाहिये। शिक्षा विभाग का दायित्व है कि वह बच्चों को जागरूक करे। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है कि लोग गुलदार का वीडियो बनाते हैं, लेकिन इसकी सूचना आपदा प्रबंधन और पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना नहीं देते हैं। जबकि सभी को सबसे पहले कंट्रोल रूम को इसकी सूचना देनी चाहिए। उन्होंने स्कूली बच्चों को मंच पर बुलाकर गुलदार के बारे में उनकी जागरूकता के बारे में जानकारी ली।

डीएफओ स्वप्निल अनिरुद्ध ने बताया कि जिले में गुलदारों की संख्या बढ़ी है। उन्होंने आंकड़ों के माध्यम से बताया कि गुलदारों की संख्या बढ़ने के बावजूद गुलदार-मानव संघर्ष में कमी आयी है। वर्तमान में जिले में 453 गुलदार हैं। उन्होंने बताया कि गुलदार कु दगड़िया कार्यक्रम जन-जागरूकता और स्थानीय सहभागिता पर आधारित एक अभिनव प्रयास है, जो मानव और गुलदार के बीच संघर्ष को न्यूनतम कर, संतुलित और सुरक्षित सह-अस्तित्व सुनिश्चित करने की दिशा में एक ठोस कदम है।

कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों ने कहा कि गुलदार के हमलों की रिपोर्टिंग महत्वपूर्ण स्थान रखती है। यदि बिना तथ्यों के सनसनीखेज खबर बनायी जाय, तो इससे जनता के बीच सही संदेश नहीं जाता है। कहा गया कि वन्य जीव से सुरक्षा सिर्फ वन विभाग की जिम्मेदारी नहीं है। बल्कि नागरिक, मीडिया, पुलिस और नगर निकाय के समन्वित प्रयासों से संघर्ष को कम किया जाता है।

बैठक में तितली ट्रस्ट के संजय सोंधी, वन्य जीव संरक्षण सोसाइटी, भारत की दिप्ती हुम्रसकर व निकित सुर्वे और असर से विराट सिंह ने गुलदार और मानव संघर्ष से जुड़े तथ्यों, शोध और न्यूनीकरण के लिए किये गये प्रयासों की जानकारी दी। इसके अलावा उन्होंने बैठक के प्रतिभागियों के सवालों का जवाब दिया।

बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह, डीएफओ सिविल सोयम पवन नेगी, मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल, मुख्य पशुचिकित्साधिकारी डॉ. विशाल शर्मा, एएसपी अनूप काला, एसडीओ आयशा बिष्ट व लक्की शाह, जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक रणजीत सिंह नेगी सहित अन्य अधिकारी व मीडिया कर्मी उपस्थित थे।

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